देव श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी।
देश की राजधानी दिल्ली को वैसे तो राजनीति का गढ़ माना जाता है। इसी के साथ दिल्ली युवाओं को अपना कैरियर बनाने का मौका भी देती है। शायद यही कारण है कि पूरे देश के युवक और युवतियां शिक्षा ग्रहण करने या अपने कैरियर की शुरुआत करने दिल्ली जाते हैं और वहां या तो किराए के मकान में या पीजी में रहते हैं। इन पीजी में रहने वाले आपके बच्चों के साथ क्या हो रहा है यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे। हम आपको बताने जा रहे हैं इन पीजी का हाल।
आपके बच्चे या आपकी रिश्तेदारी का कोई बच्चा पढ़ाई या कैरियर संबंधी अन्य कोर्सेज के लिए इन दिनों दिल्ली में जरूर होगा। ऐसे में यह खबर आपके लिए बेहद अहम हो जाती है। दिल्ली में जहां इन दिनों सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस पर खासा दबाव है। ऐसे में आप घर बैठकर यह जरूर सोचते होंगे कि आपके बच्चे दिल्ली में पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन शायद यह आपकी गलतफहमी है। जिसे हम दूर करना चाहेंगे। आपके बच्चों को चोर बदमाशों और लफंगों से तो दिल्ली पुलिस बचा लेगी, परंतु आप के बच्चों के खाने में किए जा रहे खिलवाड़ से आप अंजान हैं। कई मामलों में बच्चों के बीमार होने की बात भी सामने आई है। दरअसल मामला यह है कि जिन पीजी में आपके बच्चे किराया देकर रहते हैं वहां पर खाना भी पीजी की कैंटीन से ही दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बच्चों को खाने की तकलीफ न हो। लेकिन PG के मालिक ज्यादा कमाई के चक्कर में खाने की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देते। साथ ही उसे बनाते समय साफ सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता। ऐसे में कई बार बच्चों के खाने में काकरोच कीड़े मकोड़े या छिपकली जैसे जहरीले जीव जंतु निकलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के मुखर्जी नगर के ताज पीजी में देखने को मिला। यहां रहने वाली स्टूडेंट्स ने खाने का फोटो खींचा और वीडियो भी बनाया। इसकी शिकायत की पीजी ऑनर से की तो कार्रवाई की बजाय ऑनर मामले को निपटाने में जुट गया। सभी पर दबाव बनाने लगा कि यह बात बाहर नहीं जानी चाहिए। परन्तु कुछ छात्राओं ने यह वीडियो और फोटो जनसत्ता डॉट कॉम के रिपोर्टर के whatsapp नंबर पर सेंड किया। जिस के बाद यह मामला आप लोगों तक पहुंच सका। कुल मिलाकर पीजी ऑनर द्वारा की जा रही यह लापरवाही आपके बच्चों के सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में ज़रुरत है कि खुद सतर्क रहें और बच्चों को सतर्क रहने की हिदायत दे। उनको यह भी समझाऐ कि ऐसा कुछ भी होने पर तत्काल स्थानीय पुलिस, प्रशासन और परिवार को इसकी जानकारी दें।
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