भूमि मुआवजे में मनमानी पर भड़के किसान

एनएच निर्माण में समुचित मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर एक माह से धरने पर बैठे किसानों का धैर्य शनिवार को जवाब दे गया। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के नेतृत्व में उपेक्षा से आक्रोशित किसानों ने बसखारी थाना क्षेत्र के अहिरूपुर गांव के निकट अकबरपुर-आजमगढ़ मार्ग जाम कर प्रदर्शन किया।नाराज किसानों का कहना था कि आजमगढ़ जनपद की तरह यहां भी मुआवजा दिया जाए। इससे पहले जाम की सूचना मिलते ही आलापुर व टांडा एसडीएम चार थानों की पुलिस, एक कंपनी पीएसी व पैरामिलिट्री फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। हंगामा कर रहे किसानों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया तो निकट स्थित बाग में किसानों ने पंचायत शुरू कर दी।
बाद में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने 20 जनवरी तक आवश्यक कदम उठाए जाने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। गौरतलब है कि एनएच निर्माण में प्रभावित किसान आजमगढ़ जनपद के अनुसार ही मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
इसे लेकर लगभग एक माह से प्रभावित किसान व भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक संयुक्त रूप से बसखारी थाना अंतर्गत अहिरूपुर गांव के निकट धरने पर बैठे हुए थे। बीते दिनों ही प्रभावित किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मुलाकात कर आवश्यक कदम उठाने की मांग की थी। कोई सुनवाई न होने पर शनिवार को किसानों का धैर्य जवाब दे गया।
भाकियू जिलाध्यक्ष रणजीत वर्मा, जीशान हैदर व श्रीराम पटेल के नेतृत्व में प्रभावित किसानों ने अकबरपुर-आजमगढ़ मार्ग जाम कर दिया। शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि उचित मुआवजा न मिलने से प्रभावित किसानों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बिना मुआवजा दिए ही निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया।
यह अन्याय कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच जाम की सूचना मिलते ही आलापुर एसडीएम विनय कुमार गुप्ता व टांडा एसडीएम इंदुभूषण वर्मा, सीओ टांडा कमलसिंह यादव व सीओ सिटी राघवेंद्र मिश्र बसखारी, आलापुर, जहांगीरगंज व हंसवर थानों की पुलिस, पीएसी व पैरामिलिट्री जवानों के साथ मौके पर पहुंच गए।
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने समझा-बुझाकर लगभग दो घंटे तक चला जाम समाप्त कराया। हालांकि कुछ ही देर बाद किसानों ने निकट स्थित बुकिया तालाब के निकट बाग में पंचायत शुरू कर दी। इस पर एसडीएम व सीओ ने वहां जाकर किसान नेताओं से वार्ता की। उन्होंने विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया का हवाला देते हुए 20 जनवरी तक आवश्यक कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया। किसानों का बेमियादी धरना अभी भी जारी है।