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उप्र सरकार ने बढ़ाई वृद्धावस्था पेंशन, बुजुर्गों को हर माह मिलेंगे पांच सौ रूपये

उप्र सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के तहत मिलने वाली राशि को 400 रपए से बढ़ाकर 500 रपए करने का मंगलवार को महत्वपूर्ण फैसला किया। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया । बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले 200 रपए राज्य का अंश था और 200 रपए केन्द्र का था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

अब राज्य के अंश में 100 रपए की वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि 60 वर्ष से 79 वर्ष आयु वाले पेंशन धारकों के लिए पेंशन राशि अब 500 रपए होगी जो पहले 400 रपए थी। 

उन्होंने कहा, ‘‘एक जनवरी से इसे लागू किया जाएगा। 79 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुगरें को पहले ही 500 रपए दिये जा रहे हैं। स्वास्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने रायबरेली एम्स से संबंधित एक फैसला किया है। वहां एम्स का निर्माण चल रहा है और अगले साल यानी अप्रैल 2020 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। 

सिंह ने बताया कि एम्स के निर्माण के लिए जमीन पर बने जर्जर घरों को ध्वस्त किया जाएगा। कुल 76 आवास ध्वस्त होंगे, जिनमें 47 आवास टाइप-1 और 29 टाइप-3 हैं। उन्होंने बताया कि अगला फैसला पीजीआई से संबंधित है। पीजीआई एम्स के मैनुएल का अनुसरण करती है। 

एम्स ने रेजीडेंट डाक्टरों की आयु 35 साल से बढ़ाकर 37 वर्ष की है। सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूर हुआ है। अब प्रदेश के जूनियर बेसिक स्कूलों यानी पहली से पांचवीं कक्षा तक बीएड डिग्री धारक भी प्राथमिक शिक्षक बन सकेंगे। 

ऐसे व्यक्तियों को नियुक्ति के दो साल के भीतर प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करना होगा।