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धरती पर इस भयानक रात को आती हैं आत्माएं, खुलते हैं नरक के दरवाजे

डेस्क: आजकल कई लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि भूत प्रेत कुछ नहीं होते। लेकिन कई लोग इस पर काफी गंभीर होते हैं। आपको बता दें ये एक खास फेस्टिवल है। इसे ‘द घोस्ट फेस्टिवल’ के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है।
बौद्ध और टोइस्टि धर्म में प्रचलित यह फेस्टिवल सातवें महीने की 15वीं रात को मनाया जाता है। हालांकि फेस्टिवल मनाने वाले लोगों ने इस पूरे महीने को ही घोस्ट मंथ का नाम दे रखा है। इसको मनाने वाले लोगों का कहना है कि ये वही रात होती है, जिस दिन नर्क के कपाट खुल जाते हैं। इस रात उनके पूर्वज धरती पर उतरते हैं और अपनी भूख-प्यास मिटाने के लिए भोजन करने आते हैं। इतना ही नहीं इसी रात वे अपना बदला भी लेते हैं, जिन्होंने उनके साथ गलत किया होता है।
लेकिन फेस्ट मनाने वाले लोगों का कहना है कि ऐसा करने से उनके पूर्वजों की आत्माएं शांत हो जाती हैं। लोगों का मानना है कि इन आत्माओं के लिए स्वर्ग के दरवाज़ें बंद कर दिए जाते हैं और सीधे नर्क में भेज दिया जाता है। इतना ही नहीं इन्हें नर्क में भी बिना खाना-पानी के रखा जाता है, यही वजह है कि इसे हंगरी घोस्ट फेस्टिवल का नाम दे दिया गया है।
मान्यताओं के मुताबिक, ये आत्माएं अंधेरा होते ही काफी खतरनाक हो जाती हैं। ये किसी भी साधारण या खतरनाक पशु-पक्षी का रूप धारण कर इंसानों को नुकसान पहुंचाती हैं।
ये फेस्ट चीन, जापान, सिंगापुर, मलेशिया, थाइलैंड, श्रीलंका, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, ताइवान और इंडोनेशिया जैसे देशों में मनाया जाता है।