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सोनिया की डिनर पॉलिटिक्स : खाना तो एक बहाना है, विपक्ष को साथ लाना है

लोकसभा चुनाव में भले ही अभी एक साल का वक्त बचा हो, लेकिन विपक्ष ने मिशन 2019 की शुरुआत कर दी है.जहां कांग्रेस विपक्ष को लामबंद करने में जुटी है ताकि मजबूत विपक्ष मोदी सरकार को पटकनी दे सके. वहीं तृणमूल की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपने पैंतरे बदल लिए हैं.

सोनिया की डिनर पॉलिटिक्स

बता दें कि 13 मार्च को सोनिया गांधी की तरफ से दिए जा रहे डिनर में देश के भाजपा विरोधी कुछ राजनीतिक दल इकट्ठा होंगे. इसी बहाने बीजेपी को आगामी चुनाव में शिकस्त देने का तानाबाना बुनेंगे. वहीं कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के इस डिनर में शरीक नहीं होंगी और मायावती, ममता और अखिलेश इस भोज में शामिल नहीं होंगे.

कौन है डियर और कौन है नियर

यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की ओर से मंगलवार को दिए गए डिनर के बाद स्पष्ट होगा कि कौन राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस की डियर और नियर हैं. सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते 17 विपक्षी पार्टियों को कुछ मौकों पर एकजुट करके दिखाया है. कांग्रेस की ओर से उन सभी 17 दलों के नेताओं को सोनिया गांधी ने स्वयं फोन करके न्यौता दिया है जो पिछले दो साल से एक मंच पर दिख रहे हैं. बताते हैं कि कुछ दलों को लेकर कांग्रेस को संशय बना हुआ है.

इनके आने की है संभावनाएं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डिनर पार्टी में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के नेता बाबूलाल मरांडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी बैठक में पहुंचेंगे. मांझी ने हाल ही में राजग का साथ छोड़कर लालू प्रसाद के राजद के साथ हाथ मिला लिया.

लालू प्रसाद के बेटे और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के पहुंचने की संभावना है लेकिन तत्काल इसकी पुष्टि नहीं हुई है. तृणमूल के सुदीप बंदोपाध्याय, द्रमुक की कनिमोई, सपा के रामगोपाल यादव, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, जदएस, केरल कंग्रेस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी और रालोद के नेताओं के भाग लेने की संभावना है.