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राजा भैया ने शुरू की नयी राजनीतिक पारी,किया अपनी नयी पार्टी का ऐलान

लखनऊ|

|एससी-एसटी एक्ट में केन्द्र द्वारा किया गया संशोधन और प्रोन्नति में आरक्षण का विरोध होगा मुख्य मुद्दा|

  • उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से लगातार छह बार निर्दलीय विधायक चुने जाते रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने  अब अपनी पार्टी बनाने का औपचारिक ऐलान कर दिया है। उनकी पार्टी की विचारधारा वही होगी जो उनके पिता यानि बड़े उदय प्रताप सिंह की है।
  • उदय प्रताप सिंह उप्र में सबसे पहले एससी-एसटी एक्ट को लेकर केन्द्र सरकार के रवैये के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे। अपनी पार्टी का ऐलान करने के बाद राजा भैया ने ऐलान किया कि एससी-एसटी एक्ट में केन्द्र द्वारा किया गया संशोधन और प्रोन्नति में आरक्षण का विरोध उनकी पार्टी का मुख्य मुद्दा होगा। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि वे दलित विरोधी नहीं हैं।

राजनीति में पूरे किये 25 साल

  • बाहुबली विधायक के रूप में पहचान पाने वाले राजा भैया ने अपने राजनैतिक जीवन के 25 साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को राजा भैया ने राजधानी में अपनी नई पार्टी का औपचारिक ऐलान कर दिया। उनकी पार्टी का नाम जनसत्ता पार्टी हो सकता है।
  • उन्होंने बताया कि जनसत्ता पार्टी, जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी व जनसत्ता दल, तीन नाम चुनाव आयोग को भेजे गए हैं। पार्टी सिंबल के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है। अभी तक चुनाव आयोग ने नाम और सिंबल पर मुहर नही लगायी है।
  • उन्होंने एससी-एसटी एक्ट पर केंद्र को घेरते हुए राजा भैया ने कहा कि यह कदम न्यायोचित नहीं है। इस तरह के मामले में पहले विवेचना और उसके बाद ही गिरफ्तारी होनी चाहिए। वह दलितों का विरोध नही करते है बल्कि उनके हिमायती और हमदर्द है लेकिन एससी एसटी एक्ट के नाम पर जिस तरह अगड़ी जातियों का उत्पीड़न होता है उसका विरोध करते है।
  • आपको बता दें,राजा भैया कुण्डा राजघराने से आते हैं। 25 साल पहले उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में राजनीति में कदम रखा  था।
  • राजा भैया उस समय चर्चा में आये थे जब प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उनके विरुद्ध पोटा कानून के तहत कार्रवाई की थी और उन्हें जेल भेज दिया था।
  • राजा भैया पूर्व की सपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं|
  • राजा भैया के अलावा अक्षय प्रताप सिंह व अन्य लोग भी मैजूद थे।