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शेयर बाजार में तेजी के दौर में अलग-अलग मदों में करें निवेश, तभी होगा फायदा

बिजनेस डेस्क|

शेयर बाजार हाल में कई बार नई ऊंचाई को छू चुका है। हालांकि, इसमें मुख्य योगदान लॉर्ज कैप शेयरों का रहा है, जबकि एसएंडपी बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स एक साल के निचले स्तर के करीबन पहुंच चुका है। इससे यह साबित होता है कि बड़े पैमाने के बजाय बाजार की तेजी कुछ ही शेयरों में दिखी है। ऐसे में निवेशक को इस ऊपरी बाजार के माहौल में अपने असेट क्लास पोर्टफोलियो का विविधीकरण करना होगा यानी अलग-अलग मदों में निवेश करना होगा ताकि उसका जोखिम कम हो और एक उचित रिटर्न उसे मिल सके।

बाजार की चिंता

इस प्रदर्शन के अलावा बाजार में कुछ घटनाओं को लेकर चिंता है, जिनमें शामिल हैं कच्चे तेलों की बढ़ती कीमतें, व्यापार युद्ध का बढ़ता जोखिम और डॉलर की तुलना में रुपये की कमजोरी। महंगाई के जोखिम को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने दूसरी बार नीतिगत दरों में वृद्धि की, जो कि पांच सालों में पहली बार हुआ है।

मिला-जुला फैसला लें

जब भी बात निवेश के फैसले की आती है, खासकर लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को लेकर, यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप असेट अलोकेशन में एक मिला-जुला फैसला लें। यह फैसला वित्तीय सलाहकार की मदद से लें, क्योंकि वह तमाम नजरियों जैसे जोखिम, निवेश की अवधि, तरलता की जरूरतों आदि को ध्यान में रखकर फैसले करता है। यह याद रखना चाहिए कि आपका पोर्टफोलियो शेयर और डेट दोनों में हो।

पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन

जहां आपके पोर्टफोलियो के लिए शेयर ऊंचे रिटर्न का एक साधन है, वहीं डेट आपको स्थिरता और कम उतार-चढ़ाव का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, अक्सर यह देखा जाता है कि निवेशक असेट एलोकेशन के बारे में भूल जाते हैं और इक्विटी में ज्यादा एक्सपोजर ले लेते हैं और जब बाजार उतार-चढ़ाव में होता है तो यह साबित हो जाता है कि उपरोक्त फैसला सही नहीं था। इसलिए निवेश के साथ पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन करना चाहिए, जो वित्तीय सलाहकार द्वारा बताया गया हो।

इक्विटी, डेट और सोना का हो समावेश

अलग-अलग असेट क्लासेस का एक्सपोजर व्यापक आर्थिक घटनाक्रमों में तमाम तरह से अपनी प्रतिक्त्रिस्या देता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आपका निवेश सभी असेट क्लास में हो, जिसमें इक्विटी, डेट और सोना सभी हों। कोई एक असेट क्लास हमेशा बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकता है। इसी कारण से बैलेंस एडवांटेज कटेगरी के फंड्स अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

भावनाओं को दरकिनार करना

डायनॉमिक असेट एलोकेशन फंड एक उदार फंड होते हैं, क्योंकि ये इस तरह से बनाए जाते हैं जो बाजार की स्थितियों पर आधारित असेट एलोकेशन की रणनीति का उचित तरीके से पालन करते हैं। ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि ये निवेश प्रक्रिया से जुड़े सभी भावनाओं के बोझ को नकार देते हैं।

बैलेंस एडवांटेज कटेगरी का चयन

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने भी स्कीम के री-कैटेगराइजेशन के समय इसे पहचाना। इस तरह के फंड वर्तमान बाजार के माहौल में काफी उचित हैं और निवेशकों को एकमुश्त निवेश के अवसर के रूप में इस तरह के फंड के बारे में सोचना चाहिए। फंड के बैलेंस एडवांटेज कटेगरी में निवेश करते समय यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपका पैसा सभी क्लास में हो जिसमें डेट और इक्विटी दोनों हों। जब इक्विटी बाजार सस्ता होता है तो ये फंड उसमें अपना एक्सपोजर बढ़ा देते हैं और जब बाजार महंगा हो जाता है तो वे मुनाफा वसूली कर डेट पोर्टफोलियो में निवेश ज्यादा कर देते हैं, जिससे नीचे की ओर जोखिम कम हो जाता है। इसे एक तरह से हम सस्ते में खरीदो और महंगे में बेचो की रणनीति का नाम देते हैं।

अवसर का निर्माण

इस तरह के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स सभी चक्रों में निवेश के बड़े अवसर मुहैया कराते हैं जो निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाते हैं और निवेश के लिए अवसर का निर्माण करते हैं। ये फंड किसी के भी कोर पोर्टफोलियो का एक आदर्श हिस्सा होते हैं जो एक उचित रिटर्न के साथ जोखिम को भी कम करते हैं और बाजार के किसी भी चक्र में एक अच्छा निवेश का साधन बनते हैं।

Source:Amar Ujala