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21 जगहों पर प्लेन उतारने की तैयारी में जुटी वायुसेना

एयर फ़ोर्स ने भारत के हाइवेज़ पर 21 ऐसी जगहों की पहचान की है, जिनका इस्तेमाल ‘ऑपरेशनल इमर्जेंसी’ या प्राकृतिक आपदा के वक्त बचाव अभियान में लैंडिंग या टेकऑफ के लिए किया जा सकता है।mn2203-1445426195

हाइवे पर जिन जगहों का चुनाव किया गया है, उनमें से कुछ भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर के नजदीक राजस्थान के जैसलमेर और गुजरात के द्वारका में हैं। ऐसी कुछ जगहें अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्यों जम्मू-कश्मीर, असम, पश्चिम बंगाल, यूपी और उत्तराखंड में भी हैं।
वायुसेना द्वारा हाइवे पर इन जगहों का चुनाव ‘विस्तृत अध्ययन’ के बाद किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव के वक्त इस बात का ध्यान रखा गया कि इमर्जेंसी के वक्त फाइटर या अन्य एयरक्राफ्ट की लैंडिंग के लिए कम से कम संसाधनों की जरूरत हों।
बीते महीने सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की एक चिट्ठी के जवाब में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सुझाव दिया कि एक कमिटी यह पता लगाए कि पूरे देश में किन हाइवे का इस्तेमाल इस मकसद से किया जा सकता है।
इस कमिटी में हाइवे, रक्षा मंत्रालय और वायु सेना के प्रतिनिधि हों। उड़ी में हुए हमले के बाद बढ़े तनाव के बाद पाकिस्तानी वायुसेना ने जेट्स की लैंडिंग के लिए इस्लामाबाद और लाहौर के बीच एक प्रमुख हाइवे को बंद कर दिया था। पाक ने दावा किया था कि यह एक रूटीन अभ्यास था। सूत्रों का कहना है कि इसी दिन पर्रिकर ने भी गडकरी को चिट्ठी लिखी थी।
बीते साल वायु सेना ने नैशनल हाइवेज़ अथॉरिटी ऑफ इंडिया से उन योजनाओं की जानकारी मांगी थी, जिसके तहत नए हाइवे बनाए जाने थे या पुराने को इस तरह अपग्रेड करना था ताकि इसका इस्तेमाल जेट्स की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए रनवे की तरह किया जा सके। द टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह खबर सबसे पहले दी थी। पिछले साल मई में वायुसेना के मिराज प्लेन को मथुरा के नजदीक यमुना एक्सप्रेस वे उतारा गया था।