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2017 में फिर सीएम नहीं बनेंगे अखिलेश !

   2017 में यूपी का विधान सभा चुनाव करीब है सभी राजनीतिक पार्टियाँ अपने सभी पैंतरे अपना रहीं हैं, किसी का सीएम कैंडिडेट घोषित हो चूका है तो किसी का इंतज़ार में है. इस बीच वर्तमान में अखिलेश सरकार और पार्टी में चल रही उठापटक के बारे में लोगों को जानने की खासी उत्सुकता है.खासकर क्या होगा मुख्यमंत्री अखिलेश का ? क्या उनकी पार्टी की सरकार होगी? क्या वो सीएम बनेंगे ? उनके पिता मुलायम सिंह यादव से उनके रिश्ते कैसे हैं ? इन सभी बातों पर अपना ज्योतिषीय विश्लेषण कर रहे हैं…‘आचार्य हिमांशु अवस्थी’..

  2017 में फिर सीएम नहीं बनेंगे अखिलेश 

    इसके राजनीतिक और सामाजिक कारण चाहे जो भी हो परन्तु ज्योतिष के अनुसार इस बार उत्तर प्रदेश की सत्ता के सुख से सपा का हटना तय है.अखिलेश यादव की कुंडली के अनुसार मार्च 2017 में उनकी बुध की महादशा समाप्त हो रही है. उनकी जन्म कुंडली में बुध का बहुत ही महत्व है. यह उनके कर्म भाव तथा लग्न का स्वामी है तथा कुंडली में जो राजयोग है वह भी बुध और चन्द्रमा के स्थान परिवर्तन के कारण ही निर्मित हुआ था.जब सन् 2000 में बुध की महादशा प्रारम्भ हुई थी उसी समय अखिलेश ने पहली बार राजनीतिक सुख का उपभोग किया था परन्तु अब वह अपनी पूर्णता की ओर है. इसके साथ ही उनके राजयोग का यह चरण मार्च 2017 में समाप्त होगा.

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मानसिक उलझनेनें और अखिलेश यादव

     जिस चंद्रमा और बुध के स्थान परिवर्तन के कारण अखिलेश के राजयोग का निर्माण हुआ था,उसी चंद्रमा के अस्त होने के कारण जब भी उनके हाथ सत्ता की बागडोर आएगी तो साथ में मानसिक उलझने भी साथ लाएगी. सपा सरकार और पार्टी के अन्दर चल रही यह उलझने उसी का परिणाम हैं. 15 नवंबर के बाद खुद ब खुद यह उठापटक शांत होने लगेंगी. सत्ता पर अखिलेश की पकड़ मजबूत हो जाएगी. पार्टी और अखिलेश पर 1 नवम्बर से 3 नवम्बर के मध्य उनके शत्रुओ का प्रभाव देखा जा सकेगा.

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नेता जी का अखिलेश यादव के जीवन पर प्रभाव

     लग्नेश एवं दशमेश का स्वामी एक होने के कारण अखिलेश का जीवन पिता के द्वारा निर्मित कार्य क्षेत्र में और पिता के प्रभाव में ही व्यतीत होगा.ऐसे जातक की पहचान पिता के सहयोग से ही निर्मित होती है।
पिता के प्रभाव से अलग हट कर दूसरे कार्य क्षेत्र में पहचान बनाना एवं उन्नति के शिखर छूना अत्यन्त कठिन कार्य होता है, ऐसे में पिता के द्वारा स्थापित राजनितिक क्षेत्र छोड़ कर अन्य किसी क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए। दशमेश के  लाभस्थ होने से ऐसा जातक जीवन में जितनी उचाईयां छूट हैं उतना ही पतन – अवनति भी देखता है इसलिए एक ख़राब दौर भी अखिलेश के जीवन आ सकता है।

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