जिला मंडी के तरयांबली गांव की एक महिला ससुरालियों की प्रताड़ना से तंग आकर दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। आठ वर्ष मायके में किसी तरह रहने के बाद अब मायके वालों ने भी साथ छोड़ दिया है। ऐसे में दो बेटी व एक बेटे का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। अब उसे महिला आयोग से ही उसकी मदद की एक आशा की किरण नजर आ रही है। इसके चलते महिला रोशनी पत्नी रोशन लाल ने उपायुक्त संदीप कदम के माध्यम से राज्य महिला आयोग को एक पत्र भेजा है। इसमें उसने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2000 में रोशन लाल पुत्र देवी ¨सह से हुई।
2009 तक वह अपने ससुराल में रही। उसकी दो बेटियां हिमानी आयु 15 वर्ष, कनिका 9 वर्ष व एक 7 साल का बेटा अक्षय है। जब वह ससुराल में थी तो बेटे का जन्म नहीं हुआ था दो बेटियां ही थी। इसके चलते उसके सास, ससुर व ननद जो ससुराल में ही रहती थी सभी उसे प्रताड़ित करते थे। उसकी बेटियों के साथ मारपीट करते थे और बेटियों की बलि चढ़ाने की धमकियां देते थे। डर के मारे वह मायके चली गई। मायके में उसने बेटे को जन्म दिया, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली। उसका पति भी उस दौरान घर छोड़कर भाग गया और सात साल से लापता है। उसका हर जगह पता किया, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा।
मायके वाले भी अब उसका सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में तीन बच्चों का पालन पोषण करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। रोशनी ने महिला आयोग से मांग की है कि उसके लापता पति की तलाश की जाए और उसके ससुरालियों को उसके लिए घर में पनाह देने के आदेश दिए जाएं, ताकि वह अपने बच्चों की परवरिश कर सके।