Lakhimpur/Dev Srivastava: बसपा से भाजपा में शामिल हुए बाला प्रसाद अवस्थी को धौरहरा से टिकट मिलने पर धौरहरा से टिकट मांग रहे भाजपा पदाधिकारियों में खासी नाराजगी है। इस बात से नाराज टिकट दावेदारों ने शहर के एक होटल में प्रेसवार्ता कर पत्रकारों से अपना दर्द बयां किया। इस दौरान टिकट की दौड़ में सबसे आगे माने जाने वाले विनोद अवस्थी का दर्द उनकी आंखों से छलक उठा और वे पत्रकारों के सामने पार्टी की दुहाई देते-देते फूट-फूट कर रोने लगे।
टिकट काटने से दुखी नेता जी फूट फूट कर रोये
पदाधिकारियों ने पार्टी के एक नेता पर नाम लिए बगैर पैसे लेकर टिकट दिए जाने का आरोप लगाया। विनोद अवस्थी ने बताया कि वे 2012 के चुनाव में कुछ ही वोटों से हारे थे। उसके बाद उन्होंने अपने क्षेत्र में गरीबों, किसानों, दलितों व पिछड़ों के लिए लगातार काम किया। जिससे उनका जनाधार और बढ़ा। पार्टी के सर्वे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के सर्वे के अनुसार वे पूरे प्रदेश में सबसे ऊपर थे। ऐसे में उन्हें जिले व प्रदेश सहित राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कई बड़े नेताओं ने पहले ही टिकट मिलने की बधाई दे दी थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद ऐसा क्या हुआ कि पार्टी ने एक बाहरी को टिकट दे दिया। उनके समर्पण का अपमान किया। अपनी बात कहते-कहते विनोद धौरहरा अचानक ही भावुक हो उठे और उनकी आंखों से आंसू छलक आए। रूंधी आवाज में उन्होंने पार्टी के लिए अपने समर्पण व कार्यों का जिक्र किया और कहा कि बीते एक दशक से वे धौरहरा में पार्टी के लिए काम करते रहे हैं। क्षेत्र की जनता चाहती थी कि इस बार उन्हें टिकट फिर मिलेगा। एक बड़े अंतर से भाजपा धौरहरा में फताका फहराएगी। लेकिन 16 जनवरी को जब पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने बाला प्रसाद अवस्थी के नाम पर मुहर लगाई तो यह फैसला समर्थकों को रास नहीं आया और अचानक ही भाजपा के लिए बुलंद आवाजें उसके ही विरोध में बदल गईं।
टिकट बंटवारे को ठहराया गलत
टिकट की दौड़ में शामिल रमेश सिंह मूड़ी ने भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधते हुए बाहरी प्रत्याशी को टिकट दिए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी हम में से किसी को भी टिकट देती तो सभी एक होकर पार्टी को जिताने का काम करते। साथ ही किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष सतीश कुमार शर्मा ने पार्टी के निर्णय को गलत ठहराया और कहा कि अभी तक जो लोग पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे थे। पार्टी ने उन्हीं को टिकट देकर कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराया है। भाजपा नेता सौरभ शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि टिकट देने से पहले परिश्रम नहीं देखा गया है।
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