नई दिल्ली : अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन 24 अक्टूबर को तीन दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। उनकी इस यात्रा के दौरान दक्षिण एशिया के बारे में अमेरिका की रणनीति में नई दिल्ली का महत्व बढ़ने का संकेत मिल सकता है। अमेरिका की नजर अफगानिस्तान में स्थिति सामान्य करने के साथ ही चीन के बढ़ते दबदबे पर लगाम लगाने पर है।
– टिलरसन पांच देशों की यात्रा पर हैं और भारत से पहले वह पाकिस्तान जाएंगे। वह पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सख्त संदेश दे सकते हैं।
– उन्होंने हाल में पाकिस्तान को लेकर इसी तरह का बयान दिया था। 20-27 अक्टूबर तक होने वाले दक्षिण एशिया के इस दौरे में टिलरसन सऊदी अरब, कतर, पाकिस्तान, भारत और स्विट्जरलैंड की यात्रा कर रहे हैं।
– अमेरिकी विदेश मंत्री ने 19 अक्टूबर को अमेरिका के शीर्ष थिंक टैंक CSIS में अपने संबोधन में कहा था, ‘हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपने देश में मौजूद उन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगा, जो उसके अपने लोगों और सीमावर्ती क्षेत्र के लिए खतरा बन गए हैं। आतंकवाद की मुसीबत से निपटना हर सभ्य देश की जिम्मेदारी है और यह पसंद का मामला नहीं है। अमेरिका और भारत इस क्षेत्रीय कोशिश की मिलकर अगुआई कर रहे हैं।’
– भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह अफगानिस्तान में अपने सैनिक नहीं भेजेगा। भारत का कहना है कि वह अफगानिस्तान में सुरक्षा मजबूत करने के लिए जानकारी साझा करने और सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षण देने के जरिए अमेरिका के साथ काम करेगा। अफगानिस्तान के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत करने, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स तैयार करने और अफगानिस्तान सरकार की क्षमता बढ़ाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अफगानिस्तान में अपने हितों की सुरक्षा के लिए अमेरिका और रूस दोनों के साथ भारत मिलकर काम कर रहा है।