एकादशी व्रत का काफी महत्व होता है। हर महीने दो एकादशी आती है एक कृष्ण पक्ष की एकादशी और दूसरी शुक्ल पक्ष की एकादशी। इस बार 13 दिसंबर को वर्ष की आखिरी एकादशी है। अपने नाम के अनुसार यह व्यक्ति को उनके उद्देश्य एवं कर्मों में सफलता दिलाने वाला है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार मनुष्य का अंतिम उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति है। इस एकादशी के व्रत से मोक्ष का मार्ग सरल होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस व्रत की शुरुआत कैसे हुई।
एकादशी की शुरुआत के विषय में पुराणों में जो कथा मिलती है उसके अनुसार मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के शरीर से एकादशी देवी का जन्म हुआ। इसलिए मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है।