कांग्रेस महासचिव और गुजरात प्रदेश के प्रभारी अशोक गहलोत का कहना है कि एनसीपी और शरद यादव समर्थित जदयू के दरवाजे 27 नवंबर तक खुले हैं। बातचीत अभी चल रही है। कुछ सीटों पर समझौता भी हो सकता है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस उन्हें 9-10 सीटें ही देना चाहती है जबकि इन दलों की सूची लंबी है।
हार्दिक पटेल को लेकर अशोक गहलोत ने चुप्पी साध ली है। उनका कहना है कि हार्दिक-जिग्नेश अपने तरीके से काम कर रहे हैं। उनका अपना एजेंडा है।
टिकट को लेकर उनकी कोई मांग नहीं है। कांग्रेस को चुनाव में इनका समर्थन मिलेगा। गहलोत ने बताया कि घोषित उम्मीदवारों में एक और बदलाव हुआ है लेकिन वह कतई मानने को तैयार नहीं हैं कि हार्दिक के चलते कांग्रेस को पांच उम्मीदवार बदलने पड़े।
सूत्रों की मानें तो चुनावी रणनीति के तहत ही कांग्रेस हार्दिक और जिग्नेश का साथ सामने नहीं दिखना चाहती है। वहीं पाटीदारों की फूट के बाद कमजोर पड़े हार्दिक अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कभी हां कभी न कहकर कांग्रेस पर दबाव बनाए रखना चाहते हैं। अंदरखाने कांग्रेस भी मानती है कि पाटीदारों के बीच हार्दिक पटेल ही नेता के रूप में मान्य हैं
उनका कहना है कि संगठनों में तोड़फोड़, मारपीट के अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान से बड़ी मात्रा में शराब लाई जा रही है। इसकी शिकायत पार्टी ने चुनाव आयोग से की है।
गहलोत मानते हैं कि गुजरात के लोग आतंक और भय में हैं, उनका मानना है कि आखिर में किसी भी तरह से मोदी चुनाव जिता देंगे। गहलोत ने ईवीएम को लेकर लोगों में संदेह दूर करने के लिए चुनाव आयोग से गुहार लगाई है।