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कैसे जीवन देने वाला अन्न बना मौत, दो बच्चों की मौत

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
फसल को नुकसान पहुंचा रहे जानवरों के लिए जो दवा चावल में मिलाकर रखी गई थी। उसे गांव के ही चार बच्चों ने खा लिया। चारों की हालत बिगड़ी तो पता चला कि उन्होंने वो चावल खा लिए है। आनन-फानन में चारों बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां गंभीर हालत के चलते दो बच्चों को लखनऊ भेज दिया गया। जहां आज सुबह उन दोनों की मौत हो गई। 
  जानकारी के अनुसार नीमगांव थाना क्षेत्र के ग्राम सिकटिया निवासी रामगुलाम की 4 वर्षीय पुत्री राधा जगन्नाथ के 3 वर्षीय पुत्र दिलीप, लक्ष्मीकांत की 6 वर्षीय पुत्री सोनी और रामसिंह की 4 वर्षीय नातिन मेनका पुत्री नंदकिशोर एक साथ राम गुलाब के घर के बाहर खेल रहे थे और खेलते-खलते चारों बच्चें एक खेत की तरफ निकल गये। जहाँ जानवरो के लिये कच्चे चावल में विषैला पदार्थ मिलाकर चावलों में रखा था। जिसे बच्चों ने खा लियाप। इसके कुछ देर बाद अचानक चारों बच्चों को उल्टियां होने लगी और बच्चे बेहोश होकर गिरने लगे। तभी गांव के एक युवक ने परिजनों को इस घटना से अवगत कराया। इस पर परिजन खेतो की ओर भागे। बच्चों की हालत देख सभी के हाथ-पांव फूल गये। परिजनों ने आनन-फानन में चारों बच्चों को बेहजम सीएचसी लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने चारों बच्चों की हालत को गंभीर हालत में देख जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिसमें जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने दो बच्चो की हालत नाजुक होने के कारण लखनऊ रेफर कर दिया। जबकि दो बच्चो की हालत में सुधार होने के चलते। उनका इलाज यही चल रहा है। उधर शनिवार की सुबह लखनऊ में इलाज के दौरान सोनी व मोनिका की मौत हो गई।