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कुल 2.65 लाख करोड़ रुपये का लोन नहीं लौटा रहे 17000 डिफाल्टर, बैंकों ने किया मुकदमा

बैंकों ने देश की विभिन्न अदालतों में करीब 17,000 उन डिफाल्टर बकाएदारों के खिलाफ मुकदमा किया है, जिन्होंने सितंबर 2017 तक कुल मिलाकर 2,65,908 करोड़ रुपये की रकम नहीं लौटाई है. हालांकि इस अवधि तक देश के बैंकों में कुल लोन डिफाल्ट 8,38,000 करोड़ रुपये का है, यानी इनमें से सिर्फ करीब 32 फीसदी डिफाल्टर पर मुकदमा किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, बैंकों का 5,72,000 करोड़ रुपये का लोन अब भी निपटारे के विभिन्न चरणों में है. ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2017 में खत्म 12 महीनों में बैंकों ने 2,000 बकाएदारों से 47,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज वापस हासिल करने के लिए मुकदमा किया है. डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल (DRT) ने भी मामलों का तेजी से निपटारा शुरू किया है. सिबिल के आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2016 तक 15,220 डिफाल्टर के खिलाफ 2,18,220 करोड़ रुपये के लोन की वसूली के लिए मामला दर्ज किया गया था.

सबसे ज्यादा डिफाल्टर भारतीय स्टेट बैंक के हैं. बैंक ने सितंबर 2017 तक 3,684 डिफाल्टर से 74,649 करोड़ रुपये का बकाया वसूलने के लिए मुकदमा किया है. इसी तरह घोटाले के लिए चर्चा में आए पंजाब नेशनल बैंक ने अपने 25,608 करोड़ रुपये के लोन की वसूली के लिए 1,364 बकाएदारों के खिलाफ मुकदमा किया है.

आईडीबीआई बैंक के तो कुल कर्ज वितरण का एक-चौथाई एनपीए में बदल चुका है. उसने 1,738 डिफाल्टर्स से अपने 22,635 करोड़ रुपये वसूलने के लिए मुकदमा किया है. कॉरपोरेशन बैंक ने भी 470 डिफाल्टर्स से 9,490 करोड़ रुपये वसूलने के लिए केस फाइल किया है.

सिबिल सिर्फ उन मामलों को सार्वजनिक करता है, जिसमें बैंकों का एक करोड़ से ज्यादा बकाया होता है. यानी अगर एक करोड़ रुपये से कम के बकाए को भी जोड़ लिया जाए तो बैंकों का यह आंकड़ा काफी बढ़ सकता है.