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ऑड-ईवन: NGT की फटकार के बाद केरीवाल सरकार ने दायर की पुनर्व‌िचार याच‌िका

एनजीटी में पुनर्व‌िचार याच‌िका दायर करने के ल‌िए सुबह-सुबह जब सरकार का वकील नहीं पहुंचा तो एनजीटी ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अब खबर आ रही है क‌ि एनजीटी की फटकार के बाद सरकार ने एनजीटी में पुनर्व‌िचार याच‌िका दायर कर दी है। इससे पहले मंत्री गोपाल राय ने भी जानकारी दी थी क‌ि सरकार याच‌िका दायर कर रही है।
ऑड-ईवन: NGT की फटकार के बाद केरीवाल सरकार ने दायर की पुनर्व‌िचार याच‌िकासाथ ही साथ उन्होंने कहा क‌ि हम पर्यावरण वैज्ञान‌िकों के लगातार संपर्क में हैं और स्थ‌ित‌ि की मॉन‌िटर‌िंग कर रहे हैं। ट्रकों की एंट्री और न‌िर्माण कार्य पर लगी रोक पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। गोपाल राय ने आगे कहा क‌ि शहर में पानी का छ‌िड़काव भी क‌िया जा रहा है। हम एनजीटी में दोबारा याच‌िका दायर कर रहे हैं ज‌िसमें दोपह‌िया वाहन और मह‌िला चालकों को ऑड-ईवन से छूट की मांग की जाएगी।

बता दें क‌ि सम-विषम पर दिल्ली सरकार के यू-टर्न के बाद सोमवार को उसे ‌एनजीटी के पास पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए पहुंचना था। माना जा रहा था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार एनजीटी के खुलते ही (सुबह 10:30 बजे) पुनर्विचार याचिका लेकर पहुंच जाएगी।

लेकिन जब सुबह 11 बजे तक भी दिल्ली सरकार का वकील या कोई नुमाइंदा ट्रिब्यूनल नहीं पहुंचा तो एनजीटी ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। एनजीटी ने सवाल किया कि आखिर अब तक दिल्ली सरकार पुनर्विचार याचिका लेकर क्यों एनजीटी नहीं पहुंची है।

एनजीटी ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि क्या सरकार ने रिव्यू याचिका की बात केवल ‌मीडिया को जानकारी देने के लिए कही थी क्योंकि अब तक तो कोई पुनर्विचार याचिका नहीं आई है। एनजीटी ने पूछा कि क्या सरकार हमारे पास पुनर्विचार याचिका लेकर आएगी या वो मंत्री का बयान सिर्फ प्रेस के लिए था?

एनजीटी की इस ट‌िप्पणी के बाद अब सम-विषम पर दिल्ली सरकार के यू-टर्न के बाद एक बार फिर सोमवार को सबकी निगाहें सरकार पर होंगी क‌ि क्या सरकार याच‌िका करेगी। हालांक‌ि दिल्ली सरकार के पास आज का पूरा द‌िन है।

दोपह‌िया प्रदूषण का हैं बड़ा कारण

गौरतलब है क‌ि पुनर्व‌िचार याच‌िका में बाइक चालकों व महिलाओं को छूट नहीं देने के एनजीटी के आदेश के समीक्षा की मांग की जाएगी। सरकार की याचिका पर एनजीटी के रुख के बाद सम-विषम का भविष्य तय होगा। उधर, उपराज्यपाल पहले ही सम विषण को मंजूरी देते समय कह चुके हैं कि इसे एनजीटी के आदेशों के हिसाब से ही लागू होगा।

इससे पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए सोमवार से सम-विषम लागू करने का फैसला लिया था। लेकिन शनिवार को एनजीटी ने सरकार की वाहन चालकों के छूट देने के फॉर्मूले को खारिज करते हुए सम विषम योजना लागू करने की मंजूरी दी थी। इससे महिलाओं के साथ बाइक सवार भी सम-विषम के दायरे में आ गए थे।

एनजीटी की शर्तों से सरकार बैकफुट पर आ गई। उसकी मौजूदा परिवहन व्यवस्था मुसाफिरों को इतना भार उठाने को तैयार नहीं है। सरकार ने महिला सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था की तैयारी पूरी नहीं होने की बात करके इससे पीछे हट गई।

अब सोमवार को दिल्ली सरकार एनजीटी के सामने दोपहिया और महिला चालकों को छूट वाली पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। एनजीटी ने सम विषम में दोपहिया को शामिल करने के लिए कानपुर आईआईटी के उसी रिपोर्ट का हवाला दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण का 20 फीसदी कारण वाहन हैं। इन 20 फीसदी में 46 फीसदी हिस्सा अकेले दोपहिया और ट्रकों से होता है। इसमें दोपहिया का हिस्सा 30 फीसदी है। यानी दोपहिया प्रदूषण का बड़ा कारण है।