लेकिन जब सुबह 11 बजे तक भी दिल्ली सरकार का वकील या कोई नुमाइंदा ट्रिब्यूनल नहीं पहुंचा तो एनजीटी ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। एनजीटी ने सवाल किया कि आखिर अब तक दिल्ली सरकार पुनर्विचार याचिका लेकर क्यों एनजीटी नहीं पहुंची है।
एनजीटी ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि क्या सरकार ने रिव्यू याचिका की बात केवल मीडिया को जानकारी देने के लिए कही थी क्योंकि अब तक तो कोई पुनर्विचार याचिका नहीं आई है। एनजीटी ने पूछा कि क्या सरकार हमारे पास पुनर्विचार याचिका लेकर आएगी या वो मंत्री का बयान सिर्फ प्रेस के लिए था?
एनजीटी की इस टिप्पणी के बाद अब सम-विषम पर दिल्ली सरकार के यू-टर्न के बाद एक बार फिर सोमवार को सबकी निगाहें सरकार पर होंगी कि क्या सरकार याचिका करेगी। हालांकि दिल्ली सरकार के पास आज का पूरा दिन है।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए सोमवार से सम-विषम लागू करने का फैसला लिया था। लेकिन शनिवार को एनजीटी ने सरकार की वाहन चालकों के छूट देने के फॉर्मूले को खारिज करते हुए सम विषम योजना लागू करने की मंजूरी दी थी। इससे महिलाओं के साथ बाइक सवार भी सम-विषम के दायरे में आ गए थे।
एनजीटी की शर्तों से सरकार बैकफुट पर आ गई। उसकी मौजूदा परिवहन व्यवस्था मुसाफिरों को इतना भार उठाने को तैयार नहीं है। सरकार ने महिला सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था की तैयारी पूरी नहीं होने की बात करके इससे पीछे हट गई।
अब सोमवार को दिल्ली सरकार एनजीटी के सामने दोपहिया और महिला चालकों को छूट वाली पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। एनजीटी ने सम विषम में दोपहिया को शामिल करने के लिए कानपुर आईआईटी के उसी रिपोर्ट का हवाला दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण का 20 फीसदी कारण वाहन हैं। इन 20 फीसदी में 46 फीसदी हिस्सा अकेले दोपहिया और ट्रकों से होता है। इसमें दोपहिया का हिस्सा 30 फीसदी है। यानी दोपहिया प्रदूषण का बड़ा कारण है।