लंबे समय में सोने में बचत का कुछ हिस्सा निवेश करना हमेशा अच्छे रिटर्न देता है। इस बीच में लोग गोल्ड ज्वेलरी में यह सोचकर खरीदते हैं कि यह खर्चा नहीं बल्कि निवेश है क्योंकि भविष्य में गहनों का मूल्य बढ़ेगा ही। लेकिन आपका यह औचित्य पूरी तरह गलत नहीं है लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण बातों का आभाव है।
इस बार गोल्ड ज्वेलरी नहीं :
गोल्ड ज्वेलरी खरीदने को गोल्ड में निवेश के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए। जहां गोल्ड ज्वेलरी खरीदी जाती है और इसका मूल्य सौंदर्य के हिसाब से होता है लेकिन निवेश के रूप में यह अप्रभावी विकल्प है। कारण यही है कि पुनर्विक्रय पर इसके मूल्य में कमी होती है। गोल्ड ज्वेलरी पर मेकिंग चार्जेस जो कि गोल्ड की कीमत के 6-14 फीसद के बीच होती है, उसे वापस नहीं पाया जा सकता।
क्या है फायदेमंद:
- इस संदर्भ में लोगों को लगता है कि निवेश के लिए गोल्ड कॉइन या बार्स अच्छा विकल्प है। हालांकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि गोल्ड कॉइन्स या बार्स की खरीदारी गोल्ड की कीमत पर 5-15 फीसद के प्रीमियम पर आती है।
- निवेश के विकल्प के रूप में फिजिकल गोल्ड की खामियों के बारे में बढ़ती जागरूकता ने लोगों को गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) और सोवेरिन गोल्ड बॉन्ड्स की तरफ झुका दिया है जो कि गोल्ड में निवेश का स्मार्ट तरीका है।
- गोल्ड ईटीएफ म्यूचवल फंड्स है जो कि फिजिकल गोल्ड में निवेश करता है। गोल्ड ईटीएफ की हर यूनिट गोल्ड के 1 यूनिट का प्रतिनिधित्व करती है। गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फिजिकल गोल्ड से जुड़े मेकिंग चार्जेस वहन नहीं करते।
धनतेरस पर ज्वैलरी की मांग करीब 25 फीसदी:
सर्राफा कारोबारियों को उम्मीद है कि पिछले साल की धनतेरस के मुकाबले इस साल धनतेरस पर ज्वैलरी की मांग करीब 25 फीसद बढ़ सकती है। धनतेरस पर आम लोग खासकर महिलाएं ज्वैलरी की खरीद को शुभ मानती हैं। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन श्रीधर जी. वी. के अनुसार इस साल बाजार में माहौल काफी अच्छा है। सोने की कीमत भी कमोबेश स्थिर हैं। अच्छे मानसून से भी ज्यादा मांग की उम्मीद की जा रही है। इस वजह से बिक्री करीब 20-25 फीसद ज्यादा रह सकती है। उन्होंने कहा कि देश के उत्तरी क्षेत्र से अच्छी रिपोर्ट मिल रही हैं। यह त्योहार उत्तर भारत में ज्यादा लोकप्रिय है।
गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन व एमडी मेहुल चोकसी ने कहा कि इस साल त्योहारी सीजन की शुरुआत अच्छी हुई है और माहौल भी बेहतर है। इस वजह से धनतेरस पर ज्वैलरी की मांग 25-35 फीसदी ज्यादा रहने की संभावना है। अच्छे मानसून से भी मांग को समर्थन मिल रहा है। उम्मीद है कि ग्राहकों की औसत खरीद भी पिछले वर्षो से बेहतर रहेगी। इस समय ग्राहकों की औसत खरीद 30000-35000 रुपये की रहती है। पिछले कुछ वर्षो के दौरान त्योहारी सीजन की मांग बहुत अच्छी नहीं रही। लेकिन इस साल अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत में मैनेजिंग डायरेक्टर सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि बाजार में ज्वैलरी की अच्छी मांग निकल रही है। मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में मांग बहुत कम रही थी। लेकिन इसके बाद सुधार होने लगा। साल के शुरू में सरकार द्वारा ज्वेलरी पर एक फीसदी उत्पाद शुल्क लगाये जाने के बाद ज्वैलर्स ने हड़ताल कर दी थी। यह हड़ताल लंबी खिंचने से सोने की खपत पर बुरा असर पड़ा। हालांकि मूल्य में स्थिरता और अछे मानसून से बाजार का मूड सुधर गया