नई दिल्ली। देश की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस में चल रही मौजूदा हचलच से पूर्व चेयरमैन एन.आर.नारायणमूर्ति काफी परेशान हैं। उन्होंने कंपनी के गवर्नेंस में हो रही गड़बड़ी को लेकर चिंता जताई है। नारायणमूर्ति ने कहा कि कंपनी में कुछ लोगों को मनमाने ढंग से सेवरेंस पे दिया जा रहा है और इस वजह से बाकी कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है।
केनेडी और राजीव बंसल के सेवरेंस पे पर उठाए सवाल:
पूर्व चेयरमैन नारायणमूर्ति ने अपनी कड़ी नाराजगी जताते हुए कंपनी के पूर्व लीगल और कंप्लायंस हेड डेविड केनेडी और पूर्व सीएफओ राजीव बंसल को दिए गए सेवरेंस पे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी का मौजूदा नियम कहता है कर्मचारियों को को 3 महीने का सेवरेंस पे दिया जाए। लेकिन, केनेडी को 12 महीने का और राजीव बंसल को 30 महीने का सेवरेंस पे दिया गया है। नारायणमूर्ति ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या यह उचित है, क्या इसका कर्मचारियों के मनोबल पर असर नहीं पड़ेगा?
यह है पूरा मामला
इंफोसिस ने विशाल सिक्का की वेतनवृद्धि का बचाव किया है। साथ ही दो पूर्व सीनियर एक्जीक्यूटिव के सेवरेंस पैकेज को जायज ठहराया है। उसका कहना है कि सभी फैसले कंपनी के हित में लिए गए हैं। कंपनी की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब सिक्का और संस्थापकों के बीच तनातनी की खबरें उछल रही थीं।
इस तरह की रिपोर्ट्स आई थीं कि इंफोसिस के संस्थापकों एनआर नारायणमूर्ति, क्रिस गोपालकृष्णन और नंदन नीलेकणि ने पिछले महीने कंपनी के बोर्ड को पत्र लिखकर सिक्का की वेतनवृद्धि और दो वरिष्ठ अधिकारियों को ऑफर किए गए सेवरेंस पैकेज पर चिंता जताई थी।
क्या होता है सेवरेंस पे: सेवरेंस पे वह रकम है जो कंपनी किसी एंप्लॉयी को निर्धारित अवधि से पहले कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने पर देती है।