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अभी-अभी: ममता बनर्जी ने दी बड़ी चेतावनी, कहा- हथियारों के साथ जुलूस में प्रवेश वर्जित

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उससे जुड़े संगठनों को चेतावनी देते हुए कहा है कि दुर्गा पूजा और मुहर्रम के दौरान सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का कोई प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।उन्होंने कहा कि प्रतिमा विसर्जन के दिन किसी भी संगठन को हथियारों के साथ जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक अक्तूबर को मुहर्रम के दौरान विसर्जन के अपने फैसले का बचाव करते हुए ममता ने तुष्टिकरण के विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि यह तुष्टिकरण नहीं बल्कि प्रशासन है। वे राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। ममता ने कहा कि सरकार बीते 5 वर्षों से दुर्गा पूजा और मुहर्रम के एक साथ होने वाले आयोजनों को बखूबी संभालती रही है। लेकिन बीते कुछ वर्षों से कुछ राजनीतिक दल इस मुद्दे पर गंदी राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने किसी का नाम लिए बिना ऐसे दलों पर बंगाल के खिलाफ साजिश करने और कुप्रचार करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन पर तुष्टिकरण की राजनीतिक के आरोप लग रहे हैं।

लेकिन वे किसी खास धर्म के लिए नहीं बल्कि आम लोगों के लिए काम कर रही हैं। ममता ने कहा कि राज्य में लगभग 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है। आजादी के बाद से ही दोनों तबकों के लोग राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द के साथ रह रहे हैं।

जुलूस निकालने की बात नहीं कही : संघ

बता दें कि बजरंग दल ने राज्य में हथियारों के साथ जुलूस निकालने और शस्त्र पूजा करने का एलान किया है। संगठन ने बीते 5 अप्रैल को रामनवमी के दिन सशस्त्र जुलूस निकाला था। लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस ऐसा करने वालों से कड़ाई से निपटेगी।जुलूस निकालने की बात नहीं कही : संघ
विजयादशमी के दिन राज्य में सशस्त्र जुलूस की अनुमति नहीं देने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एलान के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा है कि वह हथियारों के साथ जुलूस नहीं निकालेगा।

संघ ने शस्त्र पूजा की योजना बनाई है। इसका मतलब हथियारों की पूजा करना है। संघ के दक्षिण बंगाल शाखा के सचिव जिष्णु बासु ने कहा कि शस्त्र पूजा दुर्गा पूजा का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन शायद मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी नहीं है।

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