अमेरिकी रक्षा विभाग ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैकड़ों मिलियन डॉलर की मदद रोक दी है। तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के खात्मे में पाकिस्तान की ओर से मदद न मिलने के बाद गुस्साए अमेरिका ने ये कदम उठाया है, जिसके तहत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के तौर पर पाकिस्तान को मिलने वाली 350 मिलियन डॉलर का पैकेज रोक दिया गया है।
इससे पहले, अमेरिकी सीनेटर ने पाकिस्तान को खुले शब्दों में कहा था कि वो या तो तालीबान के हक्कानी नेटवर्क के खात्मे में मदद करे, नहीं तो पाकिस्तान को लेकर अमेरिका अपनी पॉलिसी में बदलाव ला सकता है। ये बदलाव पाकिस्तान को मित्र देशों की लिस्ट से बाहर निकालने के साथ ही पाकिस्तान की मदद भी रोकने जैसी हो सकती है। अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन पाकिस्तान की यात्रा के बाद अफगानिस्तान पहुंचे थे।
उन्होंने कहा था कि अमेरिका अफगानिस्तान में अपने और सैनिकों को भेज रहा है, ताकि अफगानी सुरक्षा बलों को सही ट्रेनिंग देकर तालिबान का खात्मा किया जा सके। पर तालिबान को मदद पाकिस्तान के रास्ते मिलती है, ऐसे में पाकिस्तान को अमेरिका की मदद करनी होगी, खासकर हक्कानी नेटवर्क के खात्मे में। वर्ना अमेरिका अब अपना स्टैंड बदल सकता है। इससे पाकिस्तान को बड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन ने काबुल में ये बातें कहीं थी।
उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर से आतंकवादियों को उखाड़ फेंकना होगा। जिसके लिए अमेरिका उसे मदद दे रहा है। पर पाकिस्तान ये काम न करके, उल्टे आतंकवादियों की ही मदद करता है। जॉन मैक्केन ने साथ ही ये भी कहा कि अगर पाकिस्तान अपना व्यवहार नहीं बदलता, तो पाकिस्तान के लिए एक देश के तौर पर अमेरिका की सोच और व्यवहार में बदलाव आ सकता है। पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी मदद रुकने से पहले ये इशारे की तरह था, इसके बावजूद पाक नहीं चेता। जिसके बाद अमेरिकी रक्षा विभाग ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि पर रोक लगा दी।