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योगी सरकार ने खोला पिटारा, विधानमंडल में 5.12 लाख करोड़ का बजट किया पेश

 

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया। प्रदेश सरकार का यह चौथा पूर्ण बजट है। बजट का आकार पांच लाख बारह हजार पांच सौ साठ लाख करोड़ रुपये है। यह प्रदेश के ​इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है। दोनों सदनों में पहली बार बजट पूर्वाह्न 11 बजे पेश किया गया। इससे पहले बजट अपराह्न 12.20 बजे पेश किया जाता था। विधानमंडल में पेश किये जाने से पहले मंगलवार सुबह 9.30 बजे लोकभवन में होने वाली कैबिनेट बैठक में बजट के मसौदे को मंजूरी दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना बजट लेकर विधानसभा पहुंचे।

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना विधानसभा में बजट पेश किया। बजट के जरिये योगी सरकार ने युवाओं, महिलाओं और किसानों को साधने की कोशिश करने के साथ बुनियादा ढांचे को और बेहतर बनाने पर ध्यान दिया है, जिससे प्रदेश की विकास गति में तेजी आ सके।

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पर जीरो टालरेंस की नीति का पालन किया जा रहा है। इस वजह से दुष्कर्म की घटनाओं में 35 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हमारी सरकार ने लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया गया है। बजट में युवाओं पर फोकस किया गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को बेहतर किया जायेगा। उन्होंने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर के लिए भूमि चिह्नित की गई है। अब तक 16 साइबर थाने बनाये गये हैं। पुलिस बल के लिए 120 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

इसके साथ ही बजट में पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। डिफेंस कॉरिडोर के विकास और सड़कों-सेतुओं के निर्माण व रखरखाव के लिए भी बन्दोबस्त किया गया है। इसके अलावा एक्सप्रेस वे, महिला कल्याण एवं सुरक्षा, शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के साथ ही मेडिकल कालेजों का निर्माण, बड़े शहरों के मेट्रो प्रोजेक्ट को भी गति मिलेगी। सड़क, बिजली, पानी से जुड़ी योजनाओं के लिए भी बजट में इंतजाम किया गया है। विधान परिषद में नेता सदन उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बजट को पटल पर रखा।