Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

कौन है राजा भूपिंदर सिंह और क्यों जाने जाते है रंगीन मिजाज के राजा

राजा-महाराजाओं की कहानी तो अपने सुनी होगी लेकिन कुछ राजा अपने रंगीन मिजाज़ी के वजह से भी इतिहास में जाने जाते है जैसे महलों में दासियों के साथ रासलीला हो या किसी दुसरे राजा की रानी पर बुरी नज़र हो, आज आपको एक ऐसे ही अय्याश राजा के बारे में बताने जा रहे है जिसके महल में लोगों को बिना कपड़ों के ही महल में आने की अनुमति मिलती थी।


पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह

भूपिंदर  सिंंह जिनका जन्म जन्म 12 अक्टूबर (1891) मोती बाग पैलेस, पटियाला में तथा मृत्यु 23 मार्च (1938) (उम्र 46)  भूपिंदर सिंह के दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब ‘महाराजा’ का पूरा विवरण दिया है।किताब के मुताबिक, महाराजा भूपिंदर सिंह ने पटियाला में ‘लीला-भवन’बनवाया था जहां पर रंगरलियों का महल भी कह सकते है, उस लीला भवन में सिर्फ बिना कपड़ों के लोगों को अंदर आने दिया जाता था। ये महल पटियाला शहर में स्थित है जो भूपेंद्रनगर जाने वाली सड़क पर बाहरदरी बाग के पास है।

महल का एक खास कमरा महाराजा के लिए सुरक्षित था। किताब के अनुसार

उस खास कमरे की दीवारों पर चारों तरफ ऐसे चित्रों बनी थी जिसमें महिला-पुरुष कामवासना में लिप्त थे । महाराजा ने महल के बाहर एक स्विमिंग पूल भी था। ये पूल इतना बड़ा था करीब 150 महिला और पुरुष एकसाथ नहा सकते थे। महाराजा ऐसी पार्टियों में अपनी प्रेमिकाओं के साथ भी खुलेआम इश्क फ़रमाते थे।

भूपिंदर सिंह के दीवान जरमनी दासने महाराजा, महारानी नामक किताब लिखी है जो 12 अक्तूबर 1891 को जन्में महाराजा भूपिंदर सिंह ने 38 सालों तक राज किया। भूपिंदर सिंह के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 10 से ज़्यादा शादियां की थी। हैरान करने वाली बात ये है कि उनके करीब 88 बच्चे थे।

रिपोर्टर : पूजा