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यूक्रेन में हर तरफ बस मौत का मंजर अब क्या करेगी यूक्रेन सरकार

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे इस युद्ध से यूक्रेन पूरी तरह तबाह हो चुका है यूक्रेन इसे रूस की घुसपैठ बताता रहा, रूस की ओर से थोपी गई जंग कहता रहा और रूस इसे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन बताता गया, शब्द चाहे जो भी चुना गया हो,जंग का परिणाम केवल तबाही निकला। इस युद्ध को 60 दिन हो चुके हैं।

और इन 60 दिनों में हमने आपको रूस की ओर से हो रही खतरनाक बमबारी की तस्वीरें और तबाह हो रहे यूक्रेन की ग्राउंड रिपोर्ट्स दिखाई हैं, चलिए हम आपको ड्रोन कैमरे के नजर से यूक्रेन में युद्ध से आई तबाही की दर्दनाक तस्वीरें दिखाते हैं।ये तस्वीरें गवाह हैं कि जंग को जब तक टाला जा सके तब तक उसे टाला जाना चाहिए, बातचीत से रास्ता निकाला जाना चाहिए क्योंकि जंग के बाद की तस्वीरें हमेशा दर्दनाक ही होती हैं।

यूक्रेन युद्ध के पहले दिन से ही रूस का एजेंडा क्लियर है, उसे यूक्रेन को अपनी शर्तों पर झुकाना है, रूस, यूक्रेन में एक ऐसी सरकार लाना चाहता है जिसका झुकाव पश्चिमी देशों की ओर ना हो, रूस ये भी चाहता है कि यूक्रेन नाटो देशों से दूरी बनाते हुए तटस्थ देश की भूमिका में रहे, इन्हीं शर्तों को मनवाने के लिए वो 24 फरवरी से लगातार बमबारी कर रहा है।

शुरू के कुछ हफ्तों में वो कीव तक पहुंच गया था लेकिन धीरे-धीरे ये युद्ध समाप्ति की ओर जाता दिख रहा है हलांकि इस दौरान यूक्रेन को काफी नुकसान हुआ लेकिन उसकी सेना ने रूस के लिए कीव जीतना मुश्किल बनाए रखा है. इस दौरान अब ये भी माना जा रहा है कि मारियुपोल बर्बाद होने के बाद अब डोनबास्क की बारी है।