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विश्वकर्मा जयंती 2019 : भूलकर भी इस समय न करें पूजा मिलेगा विपरीत फल

 

निर्माण एवं सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को माना जाता है। हर वर्ष इस तिथि को विश्वकर्मा पूजा या विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। 17 सितंबर यानी आज देश के कई हिस्सों में विश्वकर्मा पूजा ​हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन निर्माण से जुड़ी मशीनों, औजारों, दुकानों आदि की पूजा विधि विधान से की जाती है, जिससे प्रसन्न होकर भगवान विश्वकर्मा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाने की प्रथा चली आ रही है। कहा जाता है कि उन्‍होंने देवी-देवताओं के लिए न सिर्फ भवनों का निर्माण किया बल्कि समय-समय पर अस्‍त्र-शस्‍त्रों का भी सृजन किया था। यही वजह है कि सभी औजारों या उपकरण पर विश्वकर्मा का प्रभाव माना जाता है।

हर साल विश्वकर्मा जयंती पर सभी मशीनों और उपकरणों की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं विश्वकर्मा पूजा के दौरान कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें करने की मनाही होती है और कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में पूजा के शुभ मुहूर्त से लेकर उन सभी बातों के बारे में जानते हैं जिन्हें करने से साल भर आपके घर में पैसों की बारिश होगी।

विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त

संक्रांति का पुण्य काल सुबह 7 बजकर 2 मिनट से शुरु हो रहा है। पूजा का शुभ फल प्राप्त करने इस समय पूजा आरंभ की जा सकती है।

भूलकर भी न करें इस समय पूजा

ज्योतिष के अनुसार आज सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अगर कोई व्यक्ति इस समय पूजा करेगा तो उसकी पूजा व्यर्थ हो जाएगी।

गुलिक काल में पूजा करने से मिलेगा विपरीत फल

वहीं, 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल है, इस समय की गई पूजा का विपरीत फल मिलता है।

राहुकाल में भी न करें पूजा

इसके अलावा शाम 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल के दौरान की गई पूजा में नेष्ट माना गया है।

विश्वकर्मा पूजा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

-विश्वकर्मा जयंती पर अपने औजारों और उपकरणों के सामने सिर्फ धूप-दीप जलाकर पूजा ही न करें बल्कि उनकी साफ-सफाई का भी ध्यान रखें।
-विश्वकर्मा जयंती के दिन औजारों की पूजा करते समय उनपर टीका लगाने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि टीका करने का मतलब औजारों की सुरक्षा का वादा होता है।
-विश्वकर्मा जयंती के दिन यदि कोई व्यक्ति आपसे आपका कोई औजार या उपकरण मांगने आएं तो उसे प्यार से टाल दें। ऐसा करने से आप अपने घर आए भगवान विश्वकर्मा को सम्मान देंगे और आपके घर पर सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
-विश्वकर्मा जयंती के दिन हो सके तो औजार का इस्तेमाल न करें। पूजा करते समय घर में जो भी औजार मौजूद हो उन्हें भी साफ करके पूजा स्थान पर रखें।
-विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों और मशीनों की पूजा करने के बाद हवन करके प्रसाद का वितरण जरूर करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से देवशिल्पी विश्वकर्मा की कृपा सालभर बरसती रहती है।