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बारिश से गंगा के जलस्तर में वृद्धि, वरुणा कॉरिडोर डूबने की कगार पर

 

 

वाराणसी। विदाई की बेला में खड़े आषाण माह में मानसून पूरी रंगत में है। लगातार आठवें दिन गुरुवार को भी मानसून ने कभी बूंदा-बांदी तो कभी तेज रिमझिम बरस कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराईं। ग्रामीण अंचल में खेतों में हल जोतते टैक्टर और रोपनी करने वाली रोपनीहारिन यानी खेतों में काम करने वाली महिला मजदूरों के गीत भी दूर से ही सुनाई दे रहे हैं। मानसून ने उनके चेहरे खिला दिये हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रोपनी के लिए आई मशीन भी किसानों में आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।

लगातार बारिश से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। बीत चौबीस घण्टे में अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नमी 93 फीसदी और हवाओं की रफ्तार 14 किमी प्रति घंटा है। लगातार बारिश से मौसम भी सुहाना हो गया है।

मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि अभी कुछ दिन और बारिश के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी से लगातार पर्याप्त मात्रा में नमी आ रही है। उधर बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में भी धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी हो रही है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार क्षेत्र में मानसून सक्रिय हो गया है। मानसून की बारिश की वजह से मैदानी इलाकों का पानी नदियों और नालों के माध्यम से गंगा में पहुंच रहा है। इसलिए यह जलस्तर बढ़ रहा हैं।

गंगा में बढ़ाव से वरुणा भी बढ़ाव की राह पर है। वरुणा कॉरिडोर भी अब डूबने लगा है। नदी में बह कर आ रही जलकुम्भी कॉरिडोर के लिए खतरा बन गई है। वरुणा नदी के जल में भी डेढ़ से दो फीट की बढ़ोतरी हुई है। बारिश की वजह से नदी में पूरी गंदगी बाहर आकर जम गई है।