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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब रहे

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब रहे, धामी ने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को सियासी मात देकर अपनी मुख्यमंत्री पद की कुर्सी बचा ली है. इस तरह खटीमा सीट पर 6500 वोटों से मिली हार की खटास को धामी ने चंपावत में मिली 55 हजार वोटों की जीत से दूर कर दिया है. इस तरह 54 दिन में प्लावर से फायर साबित हुए सीएम धामी।बता दें कि पुष्कर सिंह धामी के अगुवाई बीजेपी ने 2022 के चुनावी जंग फतह करने में कामयाब रही थी, लेकिन वो खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे।इसके बावजूद पुष्कर सिंह धामी के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजा था, लेकिन उन्हें छह महीने के अंदर विधायक बनने की चुनौती थी. ऐसे में बीजेपी ने कैलाश गहतोड़ी ने विधायक पद से इस्तीफा देते हुए चंपावत सीट सीएम के लिए छोड़ दी, जिसके बाद पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव में उतरे और जीतकर नया इतिहास रच दिया है।

बीजेपी उम्मीदवार पुष्कर सिंह धामी ने 55 हजार 111 वोटों के साथ रिकॉर्ड जीत दर्ज कर शुक्रवार का सूर्योदय चंपावत जिले के राजनीतिक इतिहास की नई इबारत लिख दी है. उत्तराखंड के इतिहास में अभी तक इतने ज्यादा वोटों से कोई नहीं जीत सका है, इससे पहले विजय बहुगुणा ने सितारगंज से 39966 वोट से जीत दर्ज की थी, लेकिन पुष्कर धामी ने चंपावत सीट पर 54 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज कर रिकार्ड अपने नाम कर लिया, इस तरह पुष्कर धामी खुद को ‘फ्लावर से फायर’ साबित करने के लिए चंपावत में पूरी ताकत झोंक दी थी, क्योंकि संवैधानिक प्रावधानों के लिहाज से मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के अंदर विधायक बनना है. ऐसे में उपचुनाव उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर काफी महत्वपूर्ण हो गया था. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीत मिलने पर जनता का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि, ‘मैं चंपावत की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया.’बता दें कि 2017 से 2022 के बीच उत्तराखंड में बीजेपी को तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े, लेकिन एक बार जब युवा धामी को सत्ता की कमान मिली तो उन्होंने खुद को साबित कर दिखाया. उत्तराखंड में लगातार दोबारा सत्ता वापसी कराकर इतिहास रचा, लेकिन खटीमा सीट से धामी के हार जाने के चलते भाजपा के रंग में भंग पड़ गया था. धामी को खटीमा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भुवन चंद्र कापड़ी से 65 सौ वोटों से हार गए. इसके बाद भी बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने धामी को सत्ता की कमान सौंपी और अब उन्होंने 84 दिन के बाद 55 हजार वोटों से जीत दर्ज कर अपना हिसाब बराबर कर लिया और अपनी कुर्सी भी सेफ कर ली है