उत्तर प्रदेश के पुरुष एडल्ट प्रोडक्ट सबसे ज्यादा खरीदते हैं। इनमें लिंगवर्धक साजो-सामान शामिल है। जबकि भोपाल में फ्लेवर्ड कंडोम सबसे ज्यादा खरीदा जाता है। शहरों में एडल्ट प्रोडक्ट खरीदने के मामले में नोएडा नंबर एक है।
भारत में वैधानिक रूप से एडल्ट प्रोडक्ट बेचने वाली वेबसाइट thatspersonal.com ने अपने ऑर्डर और 60 लाख विजिटर्स की यौन अभिरुचियों के आंकड़े जारी किए हैं, जो देश के विभिन्न भागों में रहने वाले लोगों के बदलते यौन व्यवहार की एक बानगी पेश करते हैं।
हालांकि सबसे ज्यादा खुलापन पश्चिमी भारत में है जहां से 31 फीसदी ऑर्डर कंपनी को मिलते हैं। हालांकि उत्तर भारत भी 29 फीसदी के साथ बहुत ज्यादा पीछे नहीं है। शहरों में ऐसे सामानों की खरीद में मुंबई शीर्ष पर और दिल्ली दूसरे नंबर पर लेकिन एनसीआर के शहरों को जोड़ा जाए तो दिल्ली-एनसीआर नंबर एक पर है।
वेबसाइट के अनुसार, कंपनी 2013 से बाजार में है। डाटा का विश्लेषण दिलचस्प सफर रहा। इससे पता चलता है कि यौन क्षेत्र में भी भारत के लोग लगातार प्रयोगधर्मी होते जा रहे हैं.
डाटा के मुताबिक, कामोत्तेजना के लिहाज से फरवरी सबसे सक्रिय महीना माना जा सकता है क्योंकि इस दौरान कंपनी के सामान की बिक्री 2.3 गुना बढ़ जाती है। शायद वेलेंटाइन प्रभाव की वजह से ऐसा होता हो। इसके अगले महीने यानी मार्च से सुस्ती छा जाती है और इस दौरान कंपनी की बिक्री भी निम्न स्तर पर होती है। कंपनी को लगता है कि बच्चों की परीक्षाओं की वजह से पैरेंट्स की व्यस्तता इसके लिए जिम्मेदार है।
एडल्ट सामान खरीदने वालों में 62 फीसदी पुरुष हैं। साथ ही छोटे शहरों में भी एडल्ट प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ रही है। वडोदरा, पुणे और तिरुअनंतपुरम में महिला खरीदारों ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। 45 साल से ऊपर के खरीदारों में भी सबसे बड़ा हिस्सा महिलाओं का है। 25 से 34 साल के ग्राहक सबसे बड़े ग्राहक हैं और वे दोबारा भी सामान खरीदते हैं, जबकि 18 से 24 के युवा शर्मीले होते हैं और सामान घर मंगाने के बजाय खुद पिक अप करना पसंद करते हैं। कुल खरीद में सामान पिकअप करने वाले 18 फीसदी है। फरवरी 2019 में सबसे ज्यादा वायब्रेटर और डिले प्रोडक्ट खरीदे गए। सबसे ज्यादा बिक्री 18 फीसदी लुब्रिकेंट्स की होती है, जबकि इसके बाद इंटीमेट मसाजर (16 फीसदी), डिले स्प्रे (14 फीसदी), और रोमांस फन स्टफ (13 फीसदी) आदि बिकते हैं।