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उत्तर प्रदेश के सीएम योगी भी रामभक्त हैं और अपने शासन में वह इसी श्लोक का अनुसरण करते दिखे

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी भी रामभक्त हैं और अपने शासन में वह इसी श्लोक का अनुसरण करते भी दिखते हैं। बिनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति।’ मतलब- इधर तीन दिन बीत गए, किंतु जड़ समुद्र विनय नहीं मानता। तब श्री राम चंद्र जी क्रोध में बोले- बिना भय के प्रीति नहीं होती।, खासतौर पर अपराध और अपराधियों के खिलाफ उनकी कार्रवाई इसी का नजीर पेश करती है। योगी अपने एक्शन से सख्त सीएम की छवि बना चुके हैं। वह ‘बुलडोजर बाबा’ के नाम से चर्चित हो चुके हैं। अब राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़े भी उनकी इस छवि में और मजबूती देते दिखाई दे रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश में एनसीआरबी का आंकड़ा आते ही सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन जाता है। हो भी क्यों न? आखिर इस प्रदेश ने कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर सरकारें बदलती देखी हैं। सत्तारूढ़ दलों के लिए कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण हमेशा से ही बड़ी चुनौती रहा है। लेकिन 21वीं सदी का दूसरा दशक खत्म होते-होते स्थितियां तेजी से बदलती दिख रही हैं। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यूपी अपराध नियंत्रण में सुधार देख रहा है। एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित क्राइम इन इण्डिया 2021 के अनुसार पूरे देश के क्राइम रेट 268.0 के सापेक्ष उत्तर प्रदेश का क्राइम रेट 154.5 है। यूपी का स्थान देश के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों में 23वां है। वो प्रदेश जहां सैकड़ों साम्प्रदायिक दंगे हुआ करते थे, वहां 2021 में एक दंगा दर्ज किया गया। विपक्ष हमलावर जरूर है, कई मामलों में यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा जरूर रहा है लेकिन दंगे के विषय पर चुप है।

आंकड़े बता रहे हैं 2021 में हत्या, लूट, डकैती, महिलाओं के खिलाफ अपराध, बलात्कार, शीलभंग, बच्चों के खिलाफ अपराध तथा पॉक्सो एक्ट के कुल मामलों में यूपी की अपराध दर पूरे भारत की अपेक्षा कम रही है। यही नहीं अपराधियों के खिालफ एक्शन में भी यूपी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। पूरे भारत की बात करें तो यूपी हत्या के केसों में 24वें स्थान पर, लूट में 25वें स्थान पर है। इसी तरह डकैती के केसों में 29वें स्थान पर है। खास बात ये है कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश केरल, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तेलंगाना और दिल्ली जैसे राज्यों से कहीं बेहतर है। इन अपराधाें की संख्या यूपी में कम हुई है, जिस कारण देश में राज्य 16वें स्थान पर है। इसी तरह बलात्कार के मामले में यूपी का क्राइम रेट 23वें स्थान पर है, रेप के मामलों में सुधार देखने को मिला है, यूपी 19वें स्थान पर है। इस अपराध में दिल्ली, केरल, तेलंगाना व राजस्थान का क्राइम रेट यूपी से ज्यादा है।इसी तरह भारत में बच्चों के विरूद्ध (भादवि व अधिनियम शीर्षक) के अन्तर्गत यूपी 28वें स्थान पर है, वहीं पॉक्सो एक्ट के मामलों में यह स्थान 21वां है। यही नहीं उत्तर प्रदेश ने अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में भी बेहतर करके दिखाया है। महिला सम्बन्धी अपराध हों, साइबर अपराध, शस्त्रों का जब्तीकरण इन सभी मामलों में दोषसिद्धि के मामले में यूपी देश में पहले स्थान पर है। यही नहीं अपराधों में गिरफ्तारी के मामले में भी यूपी देश में दूसरी स्थान पर है। इसके अलावा अपराधियों की संपत्ति की बरामदगी भी यूपी में देश में चौथी सबसे ज्यादा है।