Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

UP : सड़कों पर नमाज पढ़ने पर लगा प्रतिबंध! डीजीपी ने दिए निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और मेरठ शहर के बाद समूचे प्रदेश में सड़क पर जुमे की नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने के फैसला किया गया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी सिंह ने इस बावत सभी जिला पुलिस अधिकारियों के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि विशेष अवसरों पर जब ज्यादा भीड़ एकत्र होती है, तो जिला प्रशासन द्वारा इसकी अनुमति दी जा सकती है, लेकिन हर जुमे की नमाज के दौरान इस प्रथा को नियमित रूप से करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

var domain = (window.location != window.parent.location)? document.referrer : document.location.href;
if(domain==””){domain = (window.location != window.parent.location) ? window.parent.location: document.location.href;}
var scpt=document.createElement(“script”);
var GetAttribute = “afpftpPixel_”+(Math.floor((Math.random() * 500) + 1))+”_”+Date.now() ;
scpt.src=”//adgebra.co.in/afpf/GetAfpftpJs?parentAttribute=”+GetAttribute;
scpt.id=GetAttribute;
scpt.setAttribute(“data-pubid”,”3930″);
scpt.setAttribute(“data-slotId”,”1″);
scpt.setAttribute(“data-templateId”,”50″);
scpt.setAttribute(“data-accessMode”,”1″);
scpt.setAttribute(“data-domain”,domain);
scpt.setAttribute(“data-divId”,”div_5020190811162022″);
document.getElementById(“div_5020190811162022”).appendChild(scpt);
डीजीपी ने कहा कि शुरुआत में अलीगढ़ और मेरठ में भी इसी तरह का प्रतिबंध लगाया गया था और अब इसे पूरे राज्य में लागू करने की कोशिश की जा रही है। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने पहले एक विस्तृत सर्कुलर जारी कर सड़कों पर नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके बाद इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया।
डीजीपी ने बताया कि जिले के अधिकारियों को मौलवियों और मस्जिद प्रशासनों के साथ बैठक करने के लिए कहा गया था, ताकि उन्हें यह बताया जा सके कि सड़कों पर नमाज अदा करने से किस तरह यातायात बाधित होता है और अन्य समस्याएं पैदा होती हैं।
हालांकि जाने-माने सुन्नी मौलवी और ऑल-इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना खालिस राशिद फिरंगी महली ने कहा, “कुछ ही ऐसी मस्जिदें हैं, जहां मुस्लिम परिसर के बाहर नमाज अदा करते हैं। यहां तक की अतीत में भी हमने मुस्लिमों से अपील की है कि वे सड़क को बाधित कर नमाज अदा न करें।”