उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में मारे गए आठ लोगों में पत्रकार रमन कश्यप भी शामिल है।
पेशे से शिक्षक रमन कश्यप ने हाल ही में स्थानीय स्तर पर पत्रकारिता शुरू की थी. रविवार को वो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ किसानों का प्रदर्शन कवर करने के लिए गए थे.
उसी बीच उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उनके परिवारजनों को उनका शव अगले दिन सुबह लखीमपुर खीरी अस्पताल की मोर्चरी में मिला. रमन कश्यप की मौत को लेकर मीडिया रिपोर्टों में कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. हालांकि उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि ना ही उन्हें गोली लगी थी और ना ही डंडों से पीटा गया था.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक़ उनके शरीर पर खरोंच और रगड़ के निशान थे. रिपोर्ट के मुताबिक़ उनकी मौत पोस्टमॉर्टम से क़रीब आधा दिन पहले हुई थी. उनके माथे पर भी चोट का निशान था. रमन कश्यप का पोस्टमॉर्टम चार अक्तूबर को सुबह पाँच बजे शुरू हुआ था.
रिपोर्ट के मुताबिक़ उनकी मौत अत्यधिक ख़ून बहने की वजह से हुई थी. रिपोर्टर ने उनके शव की जो तस्वीरें देखी हैं, उनमें उनके शरीर पर रगड़ने और छिलने के भी निशान हैं.।