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भारत में आने वाली है ‘कोरोना वायरस’ की सुनामी!

 

दुनिया भर में 197 देशों को मान्यता मिली हुई है। इनमें अब तक 186 देशों में करोना का संक्रमण पहुंच चुका है। देखा जाए तो अब सिर्फ 11 देश ही ऐसे हैं, जहां कोरोना अब तक नहीं पहुंचा है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 11 हज़ार के पार है। जिस तेज़ी से मामले बढ़ रहे हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत कोरोना वायरस का अगला सबसे बड़ा शिकार हो सकता है।

भारत में अब तक कोरोना के 347 मामले आए सामने आए हैं। वहीं देश में कोरोना से बचाव के लिए रविवार को जनता कर्फ्यू लगाया गया है। यहां पर पूरे देश में जनता कर्फ्यू को समर्थ मिल रहा है। वहीं इस बीच बड़ी खबर मिल रही है बिहार और महाराष्ट्र से। बिहार और महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से 1-1 मौत होने के बाद अब देश में कुल 6 लोग इसकी चपेट में आकर जान गंवा चुके है।

सेंटर फॉर डिज़ीज डायनेमिक्स के निदेशक डॉ. रामानन लक्ष्मीनारायण ने चेताया है कि भारत को कोरोना वारयस की ‘सुनामी’ के लिए तैयार रहना चाहिए। उनका मानना है कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और तेज़ी से बढ़ेंगे। साथ ही ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि बाकी दुनिया के मुकाबले भारत में इसका असर कम हो सकता है।

हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की भारत सरकार की कोशिशों की तारीफ़ की है। डब्लूएचओ के मुताबिक, इस मामले में भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रतिक्रिया शानदार रही है । यही वजह है कि भारत अभी दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।

डॉक्टर रामानन लक्ष्मीनारायण के अनुसार “हो सकता है हम बाकी देशों की तुलना में थोड़ा पीछे चल रहे हों, लेकिन स्पेन और चीन में जैसे हालात रहे हैं, जितनी बड़ी संख्या में वहां लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं, वैसे ही हालात यहां बनेंगे और कुछ हफ़्तों में हमें कोरोना की सुनामी के लिए तैयार रहना चाहिए।

डॉ. रामानन कहते हैं, “हमारे पास हालात पर काबू पाने के लिए तीन हफ़्ते वक़्त है। सब कुछ इसी दौरान करना है। आप कल्पना कीजिए कि हम उस जगह पर हैं जहां से सुनामी को आते हुए देख रहे हैं। अगर वक़्त रहते सतर्क नहीं हुए तो सुनामी की चपेट में ख़त्म हो जाएंगे।” उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है। किसी तरह की अफ़रातफ़री न मचाएं लेकिन वो सारी सावधानियां बरतें जो इस महामारी से निपटने के लिए कर सकते हैं।