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बाघ ने फिर एक इन्सान को बनाया अपना निवाला,गुस्साए ग्रामीणों ने वन दरोगा को पीटा

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर खीरी। वन क्षेत्र मैलानी और निघासन के साथ ही अब मोहम्मदी वन क्षेत्र में भी बाघ का आतंक ग्रामीणों के लिए दहशत बना हुआ है। करीब एक साल के भीतर बाघ चार इंसानों को अपना शिकार बना चुका है। इसी कड़ी में बाघ ने सोमवार की सुबह फिर एक किशान को अपना निवाला बना लिया। इसी बात से नाराज ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम के दरोगा पिटाई कर दी।

दक्षिण खीरी में रही बाघ की चहलकदमी

दक्षिण खीरी वन प्रभाग का मोहम्मदी वन क्षेत्र इन दिनों बाघ की चहलकदमी के लिए जाना जा रहा है। लगातार बाघ को अलग-अलग स्थानों पर देखें जाने के बाद अब विभाग भी हरकत में आ गया है। सोमवार की सुबह से ही वन विभाग की टीम बाघ की तलाश में जुट गई है। परंतु कुछ देर बाद ही ग्रामीणों की नाराजगी सामने आ गई ग्रामीणों ने टीम के एक दरोगा को पीट दिया। जिससे दरोगा के सर में गंभीर चोटें आई हैं।
जानकारी के अनुसार मोहम्मदी थाना क्षेत्र के ग्राम मूड़ा निजाम निवासी बालकराम (35) सोमवार की सुबह करीब 8:30 बजे गांव के बाहर स्थित अपने गन्ने के खेत में सिंचाई करने गए थे। इसी दौरान बाघ ने उन पर हमला कर दिया। चीख पुकार सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे लोग बालक राम को बचाने के लिए उसकी ओर भागे, तो बाघ शोरगुल सुनकर वहां से भाग गया। जब तक बालक राम को इलाज के लिए ले जाया जाता, तब तक उसने दम तोड़ दिया। बालकराम की मौत से ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखने को मिला। बाघ की तलाश में जुटे वन विभाग की टीम के दरोगा ओम प्रकाश वर्मा को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने दरोगा को जमकर पीटा। जिससे उसके सर में गंभीर चोटें आई हैं दरोगा की पिटाई के बाद वन विभाग की पूरी टीम वहां से लौट गई ऐसे में अब बाघ पकड़ा जाना तो दूर। ग्रामीणों के सर पर मौत का खतरा लगातार बना हुआ है।

कई दिनों दिनों से है क्षेत्र में बाघ का आतंक

वैसे तो जिले के कई क्षेत्रों में बाघ का आतंक कायम है। बाघ का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले एक साल के अंदर जहां चार लोग बाघ के हमले का शिकार हो चुके हैं। वहीं करीब सात पालतू मवेशियों को भी बाघ ने हमला कर अपना शिकार बनाया है। शुक्रवार को माता देवी मंदिर के समीप बाघ दिखने की घटना को लोग अभी भुला नहीं पाए थे, कि शनिवार रात सुंदरपुर गांव से सटे जंगल के बाहर बाघ ने एक बछड़े पर हमला कर बाघ ने उसे अपना शिकार बना लिया। रविवार की सुबह जब लोग खेतों की ओर निकले तो बछड़े के अधखाये धड़ को देखा तो ग्रामीणों के होश उड़ गये। आबादी की ओर बढ़ते बाघ के कदमों से इलाके के लोग दहशत में आ गए हैं। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दे दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने बाघ के हमले से बछड़े की मौत होने की पुष्टि की है। इसके अलावा इस रेंज कि महेशपुर और देवीपुर बीट भी बाघ के लिए अति संवेदनशील है। करीब 2300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में दोनों बिटो में फैले जंगल में 5 बाघ अपने कुनबे के साथ देखे जा रहे हैं। यह तथ्य बाघों की लोकेशन जानने के लिए लगाए गए कैमरे में कैद हुई तस्वीरों से साबित हो चुका है। डीएफओ साउथ खीरी समीर कुमार के अनुसार मोहम्मद रेज के देवीपुर बीट में बाघ के हमले में बछड़े की मौत की सूचना मिली है। बाघ की निगरानी बढ़ा दी गई है। फिर भी ग्रामीणों से अपील है। कि वे सतर्क रहें और खेतों में भी अकेले न जाये।
बाघ द्वारा बछड़े व एक इन्सान के मारे जाने के बाद ग्रामीणों सहमे हुए हैं। ग्रामीणों मेें बाघ को लेकर खौफ इस कदर बैठ गया है कि शाम होते ही लोग अपने घरों में दुपक जाते हैं। इतना ही नही ग्रामीण दिन के उजाले में भी अपने खेतों को जाने में कतरा रहे हैं। ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी दहशत बनी हुई है, कि कहीं बाघ खेतों निकलकर उनके घर तक ना पहुंच जाए। गांव में लोग रात भर जागने को मजबूर है।