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स्टडी में हुआ खुलासा, तीन तरह के होते हैं पॉर्न देखने वाले लोग…जानिए पूरा सच

सेक्स से जुड़े कई अध्ययन होते रहते हैं. इसमें नई नई जानकारी सामने आती हैं जिनके बारे में कई लोगों को पता नहीं होता.कई रिपोर्ट्स पढ़ी होंगी जिनमें पॉर्न देखने के फायदे और नुकसान के बारे में बताया गया होगा. इसे जानकर उन लोगों ने ये आदत बदली भी है. वहीं एक स्टडी में सामने आया है कि पॉर्न देखने वाले 3 तरह के होते हैं.

एक से नहीं होते सभी पॉर्न देखने वाले

बता दें, पॉर्न ऑडिएंस एक जैसी नहीं होती. इन्हें तीन ग्रुप्स में बांटा जा सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इन तीन ग्रुप्स में सिर्फ एक कैटिगरी ही हेल्दी मानी जाती है.

मजे के लिए पॉर्न देखने वाले

स्टडी में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर लोग इसी ग्रुप में आते थे. पॉर्न देखने वाली 75 फीसदी ऑडिएंस ऐसी है जो मजे के लिए पॉर्न देखती है. ये ग्रुप हर हफ्ते करीब 24 मिनट पॉर्न देखते हैं. ये वह ग्रुप है जिसमें महिलाएं ज्यादा हैं और जो कमिटेड रिलेशनशिप में हैं. इस ग्रुप को हेल्दी की श्रेणी में रखा जाता है.

दुखी और परेशान ग्रुप

इस ग्रुप के लोग पॉर्न देखने का कनेक्शन अपनी इमोशनल प्रॉब्लम्स से जोड़ते हैं. यह ग्रुप हर वीक 17 मिनट पॉर्न देखता है.

कंपल्सिव ग्रुप

स्टडी में हिस्सा लेने वाले 11.8 लोग कंपल्सिव ग्रुप के निकले जो कि हर हफ्ते 110 मिनट पॉर्न देखते थे. इस ग्रुप में पुरुष ज्यादा थे.

किसमें होती है संतुष्टि

कंपल्सिव ग्रुप के लोगों में सेक्शुअल सैटिस्फैक्शन कम और सेक्स के लिए लत ज्यादा होती है. वहीं पहला ग्रुप सैटिस्फाइड ज्यादा रहता है और सेक्शुअल कंपल्सन कम होता है. वहीं परेशान लोगों को ऐक्टिव पॉर्न देखने वालों में नहीं माना गया. वे काफी परेशान लोग होते हैं जो कि अडिक्शन नहीं बल्कि किसी परेशानी के चलते पॉर्न देखते हैं.

पॉर्न अडिक्शन को ड्रग्स या ऐल्कॉहॉल की तरह अडिक्शन की कैटिगरी में अब तक नहीं रखा गया लेकिन एक्सपर्ट्स इसे इन्हीं के बराबर मानते हैं. यह लत इतनी इतनी बढ़ सकती है कि मेडिकल हेल्प लेनी पड़ सकती है.