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उत्तर प्रदेश में आज से बाइक पर पीछे बैठने वालों को भी पहनना होगा हेलमेट, नहीं तो…

 

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से यातायात माह शुरू हो गया है। इस दौरान दो पहिया वाहन के पीछे बैठने वाले को हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। फिलहाल यातायात विभाग हेलमेट और सीट बेल्ट के लिए लोगों को जागरूक कर रही है।

आईजी यातायात दीपक रतन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में दोपहिया वाहन पर बैठने वाले अधिकतर लोग अभी भी बिना हेलमेट के सवारी करते हैं, इसलिए उन्हें अब जागरूक किया जाएगा। करीब 70 प्रतिशत लोग हेलमेट पहनकर दोपहिया वाहन चलाने लगे हैं। जिससे सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने बताया कि अब नियमावली 1998 के तहत दोपहिया वाहन पर बैठने वाली दोनों सवारियों को भी हेलमेट पहनने पर जोर दिया जाएगा।

पुलिस अधीक्षक (यातायात) पूर्णेन्दु सिंह ने बताया कि लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में शुक्रवार से यातायात माह शुरू हो गया है। अब दो पहिया वाहन के पीछे बैठने वाली सवारी को हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यदि यातायात नियमों का पालन नहीं किया गया तो चालान की कार्रवाई भी जाएगी।

उन्होंने बताया कि कार की ड्राइविंग सीट के बगल में बैठने वाले को भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने वालों से जुर्माना वसूल किया जाएगा। हालांकि राजधानी में इस व्यवस्था को ट्रॉयल के तौर पर चलाया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहा और हजरतगंज चौराहे पर इस नियम के तहत ई- चालान कर रही है।

उधर, राजधानी के चौराहों और तिराहों पर करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल शोपीस साबित हो रहे हैं। हजरतगंज, आईजीपी (इंदिरागांधी प्रतिष्ठान) समेत कुछ ही चौराहों और तिराहों पर ट्रैफिक सिग्नल काम कर रहे हैं। बाकी सब खराब पड़े हुए हैं। पॉलीटेक्निक चौराहे पर पीक आर्वस में लोड होने के कारण पुलिस ट्रैफिक सिग्नल के बजाय वाहनों को मैनुअल कंट्रोल करती है। वहीं, लखनऊ मेट्रो की खुदाई के बाद से शहर के अधिकतर ट्रैफिक सिग्नल पूरी तरह से काम नहीं कर रहे हैं। ट्रैफिक विभाग ने सिग्नलों को दुरुस्त कराने के लिए जिम्मेदार विभागों को कई बार पत्र लिखा है लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।