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ब्रिटेन से हुई यह गलती, जिस वजह से नहीं रोक पाया कोरोना का कहर

कोरोना को लेकर एक गलती भी किसी देश पर कितनी भारी पड़ सकती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण ब्रिटेन है। विश्व प्रसिद्ध चिकित्सा पत्रिका लैंसेट के मुख्य संपादक रिचर्ड होर्टन ने एक कार्यक्रम में इसका खुलासा किया है। उन्‍होंने कहा कि ब्रिटेन सरकार को पिछले जनवरी के अंत में महामारी की गंभीरता का पता लग गया था, लेकिन समय का दुरुपयोग किया। पिछले फरवरी में ब्रिटिश सरकार को जांच में जोर देने और आत्मरक्षा के उपकरणों को रिजर्व और वितरित करना चाहिए था, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।

रिचर्ड होर्टन के अनुसार, ब्रिटेन अब चिकित्सक रक्षा उपकरणों की कमी और उपकरणों के मानक के अनुरूप न होने आदि समस्याओं का सामना कर रहा हैं, जोकि समय रहते बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक शर्म की बात है कि हम समय रहते इस महामारी पर काबू नहीं कर पाए, यह राष्ट्रीय बदनामी है।

यूरोप में महामारी फैलने से इटली और स्पेन आदि देशों ने क्रमश: अलगाव और लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाए। लेकिन ब्रिटेन सरकार की प्रतिक्रिया धीमी रही। ब्रिटेन में जनवरी के अंत में पहली बार कोविड-19 के मामले दर्ज हुए, लेकिन ब्रिटेन सरकार ने महामारी की रोकथाम पर ध्यान नहीं दिया।

1 अप्रैल को ब्रिटेन में कोविड-19 के 4324 नए पुष्ट मामले दर्ज हुए, जिससे कुल मामलों की संख्या 29474 तक पहुंची। उसी दिन और 563 मरीजों की मौत हुई और मृतकों की कुल संख्या 2352 हो गई है।