चीन ने 55 किमी लंबा समुद्री पुल बनाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है. यह दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल है. पुल हांगकांग को चीन के दक्षिणी शहर झूहाई और मकाउ के गैमलिंग एनक्लेव से जोड़ेगा.
आपको बता दें, नौ साल से बन रही इस पुल को बनाने में एफिल टावर के मुकाबले 60 गुना ज्यादा स्टील खर्च हुआ है. चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार इसकी तैयारी में छह साल लग गये और 31 दिसबंर 2017 को इसका काम पूरा हुआ.
अंडरवाटर टनल किये गए तैयार
पुल निर्माण का सबसे कठिन हिस्सा 22.9 किमी लंबा और 6.7 किमी गुफा में सड़क का निर्माण था. इसमें एक अंडरवाटर टनल भी तैयार की गई है जिसे इस निर्माण कार्य का सबसे जटिल हिस्सा बताया गया है. वहीं एक कृत्रिम द्वीप भी बनाया गया, जो बेहद चुनौतीपूर्ण काम था.
इस Y शेप पुल के निर्माण से हांगकांग और चीन के दक्षिणी शहर झूहाई की दूरी तीन घंटे चालीस मिनट से घटकर 30 मिनट हो गयी है. बता दें कि हांगकांग की गिनती विश्व का सबसे बड़े व्यवसायिक शहरों में होती है.
अगले महीने इंजीनियर और कंस्ट्रक्शन एक्सपर्ट ब्रिज का टेस्ट करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक, “यह पुल अगले 120 सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा.” कयास लगाए जा रहे हैं कि यह पुल कारोबार में इजाफा करेगा और इससे यात्रा में लगने वाला समय 60 फीसदी तक घटेगा. इस पुल को बनाने पर चीन सरकार ने कितना खर्च किया है इसका आंकड़ा जारी नहीं किया गया है. लेकिन माना जा रहा है इसे बनाने मे तकरीब 15.1 अरब डॉलर खर्च हुए हैं.
हालांकि आलोचक इसे सफेद हाथी बताकर इसकी आलोचना में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.दुनिया के इस सबसे लंबे पुल पर पैदल सवार नहीं चल सकेंगे. वहीं चीन से जाने वाली कार को हांग कांग में घुसने से पहले रोड में अपनी साइड बदलनी होगी. क्योंकि हांग कांग में भारत की तरह ट्रैफिक बायीं तरफ चलता है.