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वर्ल्ड महिला चैंपियनशिप में इस मुक्केबाज का थमा सफर, पाल्सेवा ने दी मात

नई दिल्लीः महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय मुक्केबाज मंजू रानी का सफर थम गया और उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। हरियाणा की इस मुक्केबाज को लाइट फ्लायवेट (48 किलो) वर्ग के फाइनल में रूस की एकातेरिना पाल्सेवा ने 4-1 से हराया। फाइनल में हार मिलने के बाद उनके प्रशंसक निराश हो गए हैं।

बता दें कि शनिवार को 20 साल की होने जा रही रानी फाइनल में एकमात्र भारतीय थीं। इससे पहले छह बार की चैम्पियन एम सी मेरी कॉम (51 किलो), जमुना बोरो (54 किलो) और लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। बोरगोहेन का यह लगातार दूसरा कांस्य पदक था।

मैच में रानी और उनकी प्रतिद्वंद्वी ने पहले दौर से ही आक्रामक खेल दिखाया, पहले तीन मिनट में रूसी मुक्केबाज ने दमदार मुक्के लगाए। दूसरे दौर में रानी ने अच्छे जवाबी हमले किये और स्थानीय मुक्केबाज पर भारी पड़ीं आखिरी तीन मिनट में दोनों ने संभलकर खेला लेकिन रूसी मुक्केबाज को बेहतर रिफ्लैक्सेस के कारण विजेता घोषित किया गया।

रानी ने इस साल पंजाब के लिए राष्ट्रीय खिताब जीतकर राष्ट्रीय शिविर में जगह बनाई थी। उन्हांने इस साल पहली बार स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट खेलते हुए रजत पदक जीता। रोहतक के रिठाल फोगाट गांव की रहने वाली रानी के पिता सीमा सुरक्षा बल में अधिकारी थे, जिनका कैंसर के कारण 2010 में निधन हो गया था। उसके बाद उन्हांने लगातार कड़ी मेहनत जारी रखी और अब उन्हांने महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में भी जगह बनाई। फाइनल में हारने के बाद रानी काफी निराश दिखी।