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सामने आई बिजली वाले शमशान घाट की असलियत, मशीन के अंदर लाशों का ये होता है अंजाम

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भारत में हिंदू धर्म में लाशों (Dead Bodies In Hindu Religion) को जलाया जाता है. भारत में तो लाशों के अंतिम संस्कार (Cremation Of Dead Bodies) के लिए लकड़ियों का इस्तेमाल होता है. हालांकि, समय के साथ अब लकड़ियों को बचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह (Electronic Cremation House) भी बनाए जा रहे हैं. इन शवदाह गृहों में लाशों को बिजली वाले मशीन में डाला जाता है जिसके बाद परिजनों को सीधे एक कलश में अस्थियां मिलती है. हालांकि, अब अमेरिका के एक डॉक्टर ने खुलासा किया है कि बिजली वाले शमशान घाट के अंदर लाशों के साथ आखिर होता क्या है? उसने बताया कि आप जैसा सोचते हैं, उससे काफी अलग होती है असलियत.

NHS सर्जन डॉ करण राजन (Dr Karan Rajan) ने टिकटोक (Tiktok) पर एक वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में उन्होंने अपने फॉलोवर्स को बताया कि आखिर बिजली वाले शवदाह गृह के अंदर लाशों की क्या हालत होती है? उसने बताया कि असल में मशीन के अंदर लाश जलकर राख में नहीं बदलती. आमतौर पर जब लकड़ियों के जरिये लाश का अंतिम संस्कार होता है तो बॉडी जलकर राख में बदल जाती है. इसी राख को अस्थि कलश में भरा जाता है. लेकिन बिजली वाले शवदाह गृह में ऐसा नहीं होता है.

आखिर क्या होता है भट्टी के अंदर?
टिकटोक वीडियो में डॉ करण राजन ने बताया कि आखिर लाश का इलेक्ट्रिक भट्टे यानी ओवन में होता क्या है? उसने बताया कि जैसे आप लकड़ी से लाश जलाते हैं तो वो राख में बदल जाती है. लेकिन इलेक्ट्रिक ओवन में ऐसा नहीं हो पाता. इसमें असलियत में इंसान की बॉडी से मांस जलकर गायब हो जाता है और सिर्फ सुखी हड्डियां बच जाती है. इन हड्डियों को एक मशीन में डाला जाता है जिसके अंदर इसका पाउडर बनाया जाता है. ये पाउडर मशीन में काफी तेज स्पीड से पिसता है. इसे ही राख समझ लोग अस्थि कलश में भर लेते हैं.

dead body inside elctronic cremation house

लोगों को लगा सदमा
डॉ करण ने उस वीडियो को 20 अगस्त को शेयर किया. इसे अब तक 6 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस वीडियो से सबसे ज्यादा हैरान हिंदू धर्म के लोग हैं. साथ ही कई लोगों ने अपने एक्सपीरियंस भी शेयर किये. उन्होंने बताया कि कैसे उनके किसी परिजन को इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में अंतिम संस्कार का खामियाजा भुगतना पड़ा. एक यूजर ने कमेंट किया कि कभी भी किसी अपने को बिजली वाले शवदाह गृह में नहीं जलाएंगे. वो नहीं चाहते कि आखिरी समय में उनकी हड्डियों को ब्लेंड किया जाए. वहीं एक शख्स ने लिखा कि अच्छा है कि उनके कल्चर में लाशों को दफनाया जाता है नाकि जलाया जाता है.

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