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मंत्री ने अपने आवास के बाहर लिखवाया, ‘पैर छूना मना है’

 

भोपाल। भारतीय संस्कृति में पैर छूने की परम्परा है। लोग अपने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं, लेकिन राजनीति में चरण वंदना अपने आगे बढ़ने का साधन बन चुकी है। अब तो सभी पार्टियों में अपने से सीनियर नेताओं के पैर छूने की परम्परा ही बन गई है। ऐसे दृश्य हर कहीं देखने को मिल जाते हैं, जब छोटे कार्यकर्ता और छुटभैया नेता लाइन लगाकर अपने नेताजी के पैर छूते हैं। कई लोग तो अपनी राजनीति चमकाने के लिए भी ऐसा करते हैं, लेकिन प्रदेश के सहकारिता एवं सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने अपने समर्थकों को साफ संदेश दिया है कि वे चरण वंदना से परहेज करते हैं। उन्होंने अपने बंगला स्थित कार्यालय के गेट के बाहर एक सूचना लगा दी है, जिसमें लिखा है ‘पैर छूना मना है।’

संभवतः राजनीति में इस तरह का यह पहला मामला है, जबकि किसी नेता ने चरण वंदना से पहरे करते हुए अपने यहां इस तरह की सूचना लगाई है। सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वे भिंड जिले के लहार विधानसभा सीट से लगातार सात बार जीत दर्ज कर कमलनाथ सरकार में मंत्री बने हैं, लेकिन उन्होंने अपने कार्यालय के बाहर ‘पैर छूना मना है’ की सूचना लगाकर साफ संकेत दिया है कि चरण वंदना के सख्त खिलाफ हैं। जो भी उनके बंगले पर जाता है, उनके कार्यालय के बाहर लगी इस सूचना को देखकर वह आश्यर्च प्रकट करता है। सियासी गलियारों में भी मंत्री के इस कदम की चर्चा हो रही है।

इस संबंध में रविवार को जब मंत्री गोविन्द सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि राजनीति में पैर छूने की परंपरा बंद होनी चाहिए। नेता राजनति में जनता की सेवा के लिए होते हैं। विधायक, सांसद या मंत्री बन जाने पर वह विशेष नहीं हो जाता, जनता का सेवक ही रहता है। उसे लोगों से चरण वंदना कराने की बजाय जनता के हित में काम करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि मंत्री डॉ. गोविंद सिंह को भोपाल के 74 बंगला इलाके में सरकारी बंगला मिला है, जहां मंत्री ने अपने कार्यालय के बाहर एक पेपर पर यह सूचना लगाई है।