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दर्शकों पर नही चला अनेक का जादू :शुक्रवार 27 मई 2022 को आयुष्मान खुराना और एंड्रिया केविचुसा  की ‘अनेक’ रिलीज हुई।

बीते शुक्रवार 27 मई 2022 को आयुष्मान खुराना और एंड्रिया केविचुसा  की ‘अनेक’ रिलीज हुई। अनुभव सिन्हा की डायरेक्टेड ये फिल्म उस फर्क की बात करती है जो नॉर्थ ईस्ट इंडिया और देश के दूसरे राज्यों में है। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बेशक 100 करोड़ के क्लब में शामिल न हुई हो लेकिन इसने 500 करोड़ की बात जरूर कही है। इस फिल्म ने देश के उस हिस्से की कहानी को बयां किया है जिसके बारे में लोग न तो जानते हैं और न ही समझते हैं। 5 दिनों में ‘अनेक’ ने 6 करोड़ की कमाई की। लेकिन इन 5 दिनों में करीब हजारों लोगों ने नॉर्थ ईस्ट की भावनाओं को समझा जिससे पहले शायद बिल्कुल अंजान थे।

आइए ‘अनेक’ के उन पांच प्वॉइंटस से आपको रूबरू करवाते हैं जो इसे हिट से भी ऊपर की फिल्म साबित करती है, अनेक’ में नॉर्थ ईस्ट रीजन को लेकर लोग तो छोड़िए बड़े बड़े राजनेता व दिग्गज भी गच्चा खा जाते हैं। ‘अनेक’ नॉर्थ ईस्ट की संस्कृति, रहन-सहन और यहां के लोगों के साथ किए जाने वाले भेदभाव को बहुत ही दमदार तरीके से उठाती है। इस कहानी को देखने के बाद आप भी यही कहेंगे कि कुछ सिनेमा पैसों के लिए नहीं बल्कि दमदार विषय के साथ न्याय करने के लिए भी बनाए जाते हैं। पहली बार किसी बॉलिवुड फिल्म के जरिए नॉर्थ ईस्ट के जरूरी मुद्दों को उठाया गया है। फिल्म एक नॉर्थ इंडियन के चश्मे से हमें नॉर्थ ईस्ट की दुनिया दिखाती है। साथ ही यहां के राजनीतिक उठापठक के अलावा उन तमाम चीजों के बारे में भी बताती है, जो सभी को जानना चाहिए। साथ ही भारत की विविधताओं की आड़ में भौगोलिक चुनौतियों पर सवाल भी खड़ा करती है। अनेक’ की बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत हुई और वह तीन दिन बाद भी औंधे मुंह गिर रही। क्या इसकी वजह ये है कि लोग इस विषय से खुद को कनेक्ट नहीं कर पाए। आखिर क्यों लोग इस विषय से खुद को जोड़ नहीं पाए।

शायद वह अब तक इन विषयों से अंजान थे और इसीलिए वह चाहकर भी इस फिल्म में रुचि नहीं जगा पाए। इंडियन कौन हैं.. ये कैसे डिसाइड होता है? क्या हिंदी डिसाइड करती है कि आप नॉर्थ इंडिया से हैं…? कैसे तय होता है कि आप साउथ से, वेस्ट से, नॉर्थ ईस्ट से या कहां से हैं.. आखिर कैसे तय होता है कि कौन है हिंदुस्तानी?.. फिल्म में ऐसे दमदार डायलॉग की भरमार है, जो देशभर के लोगों को ऐसे मजबूत सवालों पर सोचने पर मजबूर करती है। भले ही फिल्म ने कमाई के मामले में रिकॉर्ड न तोड़े हो लेकिन इसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। हालांकि इस फिल्म में एक समस्या ये भी थी कि इसमें कई विषय और कई मुद्दे थे। ये मुद्दे आपस में उलझ गए। लेकिन यही मुद्दे तो इसकी खासियत भी थे। जो लोग नॉर्थ ईस्ट की संस्कृति और राजनीतिक कॉन्फिलिक्ट से अब तक अंजान थे तो उन्हें ये फिल्म भरपूर जानकारी देती है। अगर आप नॉर्थ ईस्ट के मुद्दों पर ढेरों किताब नहीं पढ़ पाए लेकिन एक फिल्म तो देख ही सकते हैं।