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मोदी पर लगाए रहे नज़र और विरोधी ने उड़ा दिया आंध्र प्रदेश, जानिए चंद्रबाबू नायडू को कैसे लगा तगड़ा झटका

अमरावती। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आ चुके हैं। नतीजों के देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने बलबूते 300 के जादुई आंकड़ें को पार करते हुए कुल 303 सीटें अपने खाते में डाल दी हैं। इन सीटों के दम पर एनडीए ने कुल 346 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए 96 के आंकड़ें पर ही सिमट गई।

बीजेपी की इस जीत को मोदी लहर नहीं मोदी सुनामी कहा जा रहा है। जिसके तेज ने इस बार देश के विभिन्न राज्यों में विरोधी पार्टी और नेताओं के करारी पटखनी दी है।

लोकसभा के साथ विधानसभा में भी हारे चंद्रबाबू नायडू

हालांकि एक राज्य ऐसा भी है, जहां बीजेपी के खाते में ज्यादा सीटें नहीं हैं। राज्य है आंध्रप्रदेश, वहीं आंद्र प्रदेश जहां के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू चुनाव परिणाम आने से पहले विपक्षी नेताओं को केंद्र मे सरकार बनाने के लिए एकजुट कर रहे थे। लेकिन नतीजे आने के बाद उनके पैरों तले शायद जमीन सरक गई होगी।

दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे थे और दोनों में ही चंद्र बाबू नायडू की अगुवाई वाली तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। राज्य की 175 सदस्यीय विधानसभा में 151 सीटें वाईएसआर कांग्रेस ने जीत ली है। वहीं राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से 22 सीटों पर भी वाईएसआऱ कांग्रेस कब्जा किया है।

आंध्र से खाली लौटे बीजेपी और कांग्रेस

टीडीपी 23 विधानसभा और तीन लोकसभा सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही। चुनाव में आगाज करने वाली अभिनेता पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) को एक विधानसभा सीट मिली। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों ही खाली हाथ रह गए।

गुरुवार देर रात घोषित परिणामों में टीडीपी के गाल्ला जयदेव ने वाईएसआरसीपी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एम. वेणुगोपाल रेड्डी के ऊपर 4,800 वोटों के अंतर के साथ गुंटूर लोकसभा सीट को बरकरार रखा। टीडीपी के केसिनेनी नानी और के. राममोहन नायडू ने भी कांटे के मुकाबले के बाद क्रमश: विजयवाड़ा और श्रीकाकुलम लोकसभा सीटों को बरकरार रखा।