नई दिल्ली। तालिबान ने पाकिस्तान अपने टीटीपी मामले में पहला करारा झटका दिया है। दरअसल पाकिस्तान टीटीपी को नियंत्रित करना चाहता था। लेकिन तालिबान ने टीटीपी मामले में पाकिस्तान की मदद करने से इनकार कर दिया है।
दरअसल चरमपंथी गुट तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को नियंत्रित करने को लेकर पाकिस्तान की उम्मीद थी कि तालिबान उसे मदद करेगा लेकिन एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए तालिबान प्रवक्ता ने साफ कर दिया है कि टीटीपी पाकिस्तान का मामला है और इससे उसे खुद ही निपटना होगा।
पाकिस्तान के जियो न्यूज के कार्यक्रम ‘जिरगा’ में तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि टीटीपी का मामला पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है और इस समस्या से अफगानिस्तान का कोई संबंध नहीं है।
दरअसल, प्रवक्ता से सवाल पूछा गया था कि क्या तालिबान टीटीपी को कहेगा कि वह पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ जंग नहीं करे। इसपर जबीउल्लाह ने कहा कि ‘यह पाकिस्तान का मुद्दा है और होना ये चाहिये कि पाकिस्तानी जनता, प्रशासन और धर्मगुरु ही इसपर कोई फैसला करे। ये पाकिस्तान का अपना मामला है और अफगानिस्तान से इसका संबंध नहीं है। इसलिए इसपर कोई फैसला पाकिस्तान को ही करना है।’
इसके साथ ही जबीउल्लाह ने यह भी साफ कर दिया कि किसी भी दूसरे देश को अस्थिर या वहां की शांति भंग करने के लिए अफगानिस्तान की धरती के इस्तेमाल की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।