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सीएम नीतीश कुमार ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा- हिम्मत हों तो पार्टी तोड़कर बताऐं

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यदि किसी में दम है तो वे जेडीयू को तोड़कर बताऐ। उनका इशारा राष्ट्रीय स्तर पर बने विपक्षी मोर्चे की ओर था। उन्होंने कहा कि आप आरजेडी के बल पर पार्टी को तोड़ेंगे। मगर यह बात जाहिर करना चाहता हूॅं कि मीडिया में छाए रहने के लिए कुछ लोग पार्टी तोड़ने की बात करते हैं। यह बात सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा के बात कही। पार्टी के 71 विधायक, 30 विधान पार्षद, दो लोकसभा सदस्य व राज्यसभा के करीब 7 सदस्य एकसाथ हैं।

मिली जानकारी के अनुसार जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव विरोध पर उतर आए हैं। शरद यादव ने राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन गठित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने इस मोर्चे का विरोध करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन से जेडीयू के अलग होने और इसके टूटने से वहाॅं प्रसन्नता है। जब महागठबंधन बन गया और उसकी सरकार बनी तो हर कहीं भय का वातावरण था। लोग डरने लगे। जनता का जनादेश इसलिए नहीं मिला था कि कुछ दलों के हम पिछल्लगू बन जाऐं और फिर सही कार्य न करें।

राजद ने प्रशासन में तक हस्तक्षेप किया। शरद यादव को लेकर उन्होंने कहा कि जो लोकलाज की बात करते थे वे लोकतंत्र को भूग गए और कुछ दलों के पीछे पीछे चलने लगे। कुछ लोग तो अपने परिवार की विरासत सम्भालने में लगे हैं। लालू प्रसाद यादव मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने में लगे हैं मगर उन्होंने अब तक मुस्लिमों के लिए क्या किया है। पार्टी से बागी तेवर अपना रखे शरद यादव पर जेडीयू के वरिष्ठ प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि उनसे कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया गया था पर वे नहीं आए। 43 वर्षों के रिश्तों की दुहाई देते हुए कहा कि परिवारवादए वंशवादए भ्रष्टाचार के प्रतीक लालू प्रसाद के साथ उनके जैसे अच्छे नेता का जाना दुखद है।

अली अनवर या अन्य नेताओं की तुलना में शरद की शख्सियत अलग है। साझी विरासत से हमें कोई ऐतराज नहीं है। नीतीश कुमार के साथ खड़े होने पर शरद यादव का कद बढ़ेगा और लालू के साथ खड़ा होने पर उनकी गरिमा गिरेगी। मिली जानकारी के अनुसार जदयू ने पार्टी में टूट की खबर को निराधार बताया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व परिषद की बैठक के बाद शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में प्रवक्ता केसी त्यागी ने दो टूक कहा कि पार्टी के सभी 71 विधायक, 30 विधान पार्षद,दोनों लोकसभा सांसद और 10 में तीन को छोड़ सात राज्यसभा सांसद और 19 में से 16 राष्ट्रीय पदाधिकारी जिसके साथ हों,उसमें टूट कहां है।

प्रवक्ता ने कहा कि राजद के साथ सरकार चलाना मुश्किल था। अगर हम भ्रष्टाचार के साथ रहकर सरकार चलाते तो महागठबंधन की हालात यूपीए दो की तरह हो जाती। नीतीश कुमार की स्थिति मनमोहन सिंह की तरह हो जाती। किसी काम के नहीं रह जाते। जनादेश किसी परिवार के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए नहीं मिला था। जदयू के लिए भ्रष्टाचार सबसे अहम मुद्दा है। कोई हमे साम्प्रदायिकता का पाठ न पढ़ाए। धर्मनिरपेक्षता की आड़ में आईटीए सीबीआईए प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों से बचने के उपाय किए जा रहे हैं।

 

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