मालूम हो कि इस संधि के गारंटर के तौर पर हाल ही में विश्व बैंक ने कहा है कि भारत को कुछ शर्तों के साथ झेलम और चिनाब की सहायक नदियों पर किशनगंगा और रातले जलविद्युत परियोजना निर्माण का अधिकार है, जबकि पाकिस्तान इन्हें रोकना चाहता है।
अपने छह बांधों पर चुप्पी
भारत की ओर उंगली उठाने वाले आसिफ ने भारत के उस आरोप का कोई जवाब नहीं दिया कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर में चीन की मदद से सिंधु नदी पर छह बांध बना रहा है। हाल ही में विदेश मंत्री वी के सिंह ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी थी। भारत ने इस संबंध में पाकिस्तान के साथ चीन को भी डिमार्श (कूटनीतिक संवाद) भेजा है। इसमें आपत्ति जताई गई है कि ये छह बांध भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन कर बनाए जा रहे हैं।
कश्मीर में जनमत संग्रह के लिए पाकिस्तान मदद करता रहेगा। भारत और अफगानिस्तान को एक अच्छे पड़ोसी की तरह पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली शांति की पहल पर बात करने का यह सबसे बेहतर समय है। दोनों को आरोप-प्रत्यारोपों से बाहर आना चाहिए।
उन्होंने भारत द्वारा एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए भारत को कश्मीर मुद्दे पर बातचीत का आमंत्रण भी दिया। ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि कश्मीर के लोग आत्मनिर्णय के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं, जो उन्हें संयुक्त राष्ट्र ने अपने संकल्पों के माध्यम से आश्वासन दिया था।