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सिंधु जल संधि पर अंतरराष्ट्रीय साजिश कर रहे भारत-अमेरिका : ख्वाजा आसिफ

पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत और अमेरिका सिंधु जल संधि को तोड़ने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हैं। यही नहीं, पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान में रची जाने वाली साजिशों को भारत खुलकर समर्थन दे रहा है। अफगानिस्तान की तरह वह पाकिस्तान पर कीचड़ भी उछाल रहा है और शांति के लिए उसकी पहल का जवाब नहीं दे रहा है। इससे कुछ हासिल नहीं होगा। उल्टे दोनों देशों के रिश्ते खराब होंगे।
विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद सियालकोट में मीडिया से पहली बातचीत में ख्वाजा आसिफ ने हालांकि यह नहीं बताया कि भारत और अमेरिका सिंधु जल संधि को तोड़ने की कौन सी साजिश में शामिल हैं, लेकिन सिर्फ इतना कहा कि इस संबंध में पाकिस्तान को हमेशा अंधेरे में रखा जाता है।

मालूम हो कि इस संधि के गारंटर के तौर पर हाल ही में विश्व बैंक ने कहा है कि भारत को कुछ शर्तों के साथ झेलम और चिनाब की सहायक नदियों पर किशनगंगा और रातले जलविद्युत परियोजना निर्माण का अधिकार है, जबकि पाकिस्तान इन्हें रोकना चाहता है।

अपने छह बांधों पर चुप्पी
भारत की ओर उंगली उठाने वाले आसिफ ने भारत के उस आरोप का कोई जवाब नहीं दिया कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर में चीन की मदद से सिंधु नदी पर छह बांध बना रहा है। हाल ही में विदेश मंत्री वी के सिंह ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी थी। भारत ने इस संबंध में पाकिस्तान के साथ चीन को भी डिमार्श (कूटनीतिक संवाद) भेजा है। इसमें आपत्ति जताई गई है कि ये छह बांध भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन कर बनाए जा रहे हैं।

आरोप के साथ धमकी भी

आसिफ ने आगे कहा कि भारत द्वारा सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान जाने से रोके जाने के मुद्दे को विश्व बैंक में उठाया गया है। उन्होंने दावा किया कि डेढ़ साल पहले दोनों देशों ने किशनगंगा परियोजना के निर्माण के मुद्दे को सुलझा लिया था, लेकिन उसके बाद भारत ने इस संबंध में पाकिस्तान के साथ तीन बार बातचीत स्थगित कर दी। दोनों देश इस संधि को जारी रखना चाहते हैं, लेकिन इसका किसी भी तरह से उल्लंघन संबंधों को और खराब करेगा। 

कश्मीर बिना स्थायी शांति असंभव

आसिफ ने भारत पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए चेतावनी भी दे डाली। कहा, पड़ोसियों के साथ शांति एवं मधुर संबंधों की हमारी कोशिशों को कमजोरी न समझा जाए। हम अपनी सीमाओं की हिफाजत करने में पूरी तरह सक्षम हैं। भारत-पाक के बीच में शांति कश्मीर समस्या से संबंधित है और बिना इसे सुलझाए स्थायी शांति हासिल नहीं की जा सकती है।

कश्मीर में जनमत संग्रह के लिए पाकिस्तान मदद करता रहेगा। भारत और अफगानिस्तान को एक अच्छे पड़ोसी की तरह पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली शांति की पहल पर बात करने का यह सबसे बेहतर समय है। दोनों को आरोप-प्रत्यारोपों से बाहर आना चाहिए।

उन्होंने भारत द्वारा एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए भारत को कश्मीर मुद्दे पर बातचीत का आमंत्रण भी दिया। ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि कश्मीर के लोग आत्मनिर्णय के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं, जो उन्हें संयुक्त राष्ट्र ने अपने संकल्पों के माध्यम से आश्वासन दिया था।

 

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