लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से चल रही अपनी खटपट को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान ने रविवार को नई सुर्खी दे दी। उन्होंने तल्खी भरे अंदाज में कहा कि राज्यपाल क्या करेंगे ज्यादा से ज्यादा उन्हें बर्खास्त तो ही कर देंगे, कर दें लोगों को मालूम तो चले कि संविधान के साथ ठगी करने वाले यह भी कर सकते हैं। आजम खान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को राज्यपाल की मंजूरी न मिलने से खासे खफा हैं। आजम खान ने अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी कहा कि सिर्फ यही प्रस्ताव नहीं प्रदेश के विकास से जुड़े कई बिल राज्य सरकार ने राज्यपाल के पास भेजे जिन्हें राजभवन ने राष्ट्रपति के पास भेज दिया।आजम खान ने कहा कि राष्ट्रपति और राज्यपाल तो सभी के होते हैं मगर प्रदेश के राज्यपाल ने तो राजभवन के आदर्शों की धज्जियां उड़ा कर रख दीं।
राज्यपाल ज्यादा से ज्यादा बर्खास्त ही तो कर देंगे
आजम के मुताबिक जो राज्यपाल अयोध्या में जाकर यह कहें कि हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए राम मंदिर जल्द से जल्द बनवाया जाना चाहिए, ऐसे राज्यपाल को तो राष्ट्रपति को उसी दिन बर्खास्त कर देना चाहिए था। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए राज्यपाल के इस बयान को सुप्रीम कोर्ट को भी स्वत: संज्ञान में लेना चाहिए था।आने वाले चुनाव के लिए मुसलमानों को आगाह करते हुए आजम ने कहा कि अगर वह एकजुट नहीं हुए तो गुजरात की ही तरह यूपी में भी उनसे धमका कर वोट लिया जाएगा। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक दर्जा खत्म करने का आरोप केन्द्र पर मढ़ते हुए उन्होंने आशंका जतायी कि अगर प्रदेश में सत्ता बदली तो जौहर यूनिवर्सिटी का भी यही हाल हो सकता है।