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मरीज का पैर काटकर बना दिया तकिया, मामले से हिल गई यूपी सरकार, डॉक्टरों पर गिरी गाज

यूपी सरकार ने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी में मरीज का पैर काटकर उसके सिर के नीचे रखने के मामले को गंभीरता से लिया है। मंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक ने संवेदनशीलता दिखाते हुए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए चिकित्सकों व अन्य स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के निर्देश पर दो डॉक्टर व दो नर्स को निलंबित कर दिया गया है। जबकि डॉक्टर ऑन कॉल को चार्जशीट दी गई है। शासन ने इस मामले में जांच बैठा दी है और मेडिकल कालेज की प्रधानाचार्य से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की गई है।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने बताया कि जिस समय ये घटना हुई उस दौरान ड्यूटी पर तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. महेंद्र पाल सिंह, सीनियर रेजीडेंट आर्थोपैडिक डॉ. आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंजार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। डॉक्टर ऑन कॉल डॉ. प्रवीण सरावगी पर चार्जशीट जारी की गई है।

प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बताया कि इस मामले में जांच बैठा दी गई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा इस मामले पर नजर रखे हुए हैं।