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भ्रष्टाचार के आरोप में चकबंदी के 10 अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, छह को मूल वेतन पर भेजा

चकबंदी विभाग ने गलत ढंग से जमीन नाम करने पर 10 अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इनमें से दो अफसर पदावनत किए गए हैं, वहीं छह अफसरों को उनके मूल वेतन पर भेजा गया है जबकि दो अफसरों की वेतन वृद्धि रोक दी गई है। इसके अलावा गोंडा के मामले में दो अधिकारियों व एक कर्मचारी को आरोप पत्र दिया गया है। इसके अलावा सबको परिनिंदित भी किया गया है। चकबंदी आयुक्त हरेंद्र वीर सिंह ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया है।

आदेश के अनुसार, सहारनपुर के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी दिनेश कुमार सेमवाल ने धारा-132 की नदी और ग्राम सभा की जमीन अवैध रूप से चकदारों के नाम कर दी। सेमवाल को सहायक चकबंदी अधिकारी के मूल पद और मूल वेतन पर भेज दिया गया है। सेमवाल अभी बिजनौर में तैनात हैं।

श्रावस्ती के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राम लखन रावत को नामांतरण आदेश द्वारा अनुचित ढंग से लाभ पहुंचाने पर चकबंदी अधिकारी के मूल वेतन पर भेजा गया है। रावत वर्तमान में बहराइच में तैनात हैं। वहीं फर्रूखाबाद के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी अजय कुमार वर्मा को ग्राम सभा की जमीन को इधर-उधर दर्ज करने पर सहायक चकबंदी अधिकारी के मूल पद एवं वेतन पर भेजा गया है। वर्तमान में वह बदायूं में तैनात हैं।

इसी तरह मुजफ्फरनगर के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी और वर्तमान में बागपत में तैनात राजेश कुमार के खिलाफ इस्लामिया मदरसे का नाम बिना किसी आधार के निरस्त करने और व्यक्ति विशेष को संक्रमणीय भूमिधर घोषित करने पर चकबंदी अधिकारी के मूल वेतन पर भेजा गया है। लखनऊ के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी और वर्तमान में गोंडा में तैनात श्याम नरायन अग्निहोत्री ने लखनऊ के गांव सरसवां में लिखित खातेदार का नाम खारिज करके दूसरे व्यक्ति को लाभ पहुंचाया। इस पर अग्निहोत्री की एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है।

उधर,  उन्नाव के तत्कालीन सहायक चकबंदी अधिकारी और वर्तमान में बस्ती में तैनात गजराज सिंह को धमियाना में गड़बड़ी करने पर सहायक चकबंदी अधिकारी के मूल वेतन पर भेजा गया है। इसी तरह से मुजफ्फरनगर के तत्कालीन सहायक चकबंदी अधिकारी व वर्तमान में संभल में तैनात लखीराम जोशी को सहायक चकबंदी अधिकारी के पद के मूल वेतन पर भेजा गयाहै।

ऐसे ही खीरी के तत्कालीन सहायक चकबंदी अधिकारी आदित्य नारायण झा ने वन विभाग की बेशकीमती जमीन ही कुछ लोगों के नाम कर दी। उनकी तीन वेतन वृद्धियां रोक दी गई हैं। झा अभी बाराबंकी में तैनात हैं।

शाहजहांपुर के सहायक चकबंदी अधिकारी सुरेश कुमार शर्मा को नियम विरुद्ध ढंग से चक बनाने पर मूल वेतन पर भेजा गया है। ऐसे ही फैजाबाद के तत्कालीन सहायक चकबंदी अधिकारी सुजीत कुमार श्रीवास्तव को भी मूल वेतन पर भेजा गया है। अभी बिजनौर में तैनात श्रीवास्तव के खिलाफ बिना पक्षकारों को सुने अनियमित आदेश पारित करने के आरोप सही पाए गए।

इसके अलावा गोंडा की ग्राम पंचायत अंदूपुर में गलत आदेश का अनुपालन कराए जाने पर चकबंदीकर्ता मो. असलम, सहायक चकबंदी अधिकारी राम नेवाज वर्मा और चकबंदी अधिकारी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को आरोप पत्र जारी करके विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।