भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया और उनके समकक्ष सोहेल महमूद ने दिल्ली और इस्लामाबाद के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यह समझाया कि कोड ऑफ कंडक्ट के जरिए राजनयिकों और राजनयिक परिसर से संबंधित मुद्दों को सुलझाया। पिछले कुछ सालों से दोनों एनएसए के बीच होने वाले उच्च स्तरीय संपर्क का यह एक रूप है। आखिरी बार साल 2017 में डोभाल और जंजुआ के बीच बैंकॉक में बातचीत हुई थी। हालिया बातचीत में उन्होंने द्वीपक्षीय वार्ता की समग्र स्थिति पर बातचीत की और संपर्क में बने रहने के लिए सहमत हुए।
जहां डोभाल ने भारतीय रिहायशी कॉम्पलेक्स में 15 फरवरी को हुई रेड पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए इसे अस्वीकार व्यवहार बताया। वहीं जंजुआ ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब महिलाओं और बच्चों को प्रताड़ित किया गया है। भारत ने पाकिस्तान से आश्वासन मांगा कि वह उसके देश में चल रहे भारतीय कॉम्पलेक्स के काम को बंद नहीं करेगा।
बता दें कि इस्लामाबाद में राजनयिकों के साथ बदसलूकी और पीछा करने के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने 16 मौखिक नोट भेजे थे। भारत सरकार का तर्क था कि जिस ढंग से इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों को डराया और धमकाया गया वह 1961 के विएना कनवेंशन के खिलाफ था। जिस तरह से दूतावास के कर्मचारियों का इस्लामाबाद के डिप्लोमेटिक इंक्लेव में पीछा किया गया उससे उनके लिए सुरक्षा का खतरा पैदा हो गया था।