Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

भारत-पाकिस्तान के NSA ने की फोन पर बातचीत, राजनयिक विवाद सुलझा

भारत और पाकिस्तान के बीच काफी लंबे समय से राजनयिक विवाद चल रहा है। दोनों देशों ने अपने राजनयिकों के साथ हुए कथित उत्पीड़न की बात कही थी। इस विवाद को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और उनके समकक्ष नासिर जंजुआ ने बातचीत के बाद सुलझा लिया है। दोनों देशों ने सौहार्दपूर्ण ढंग से इस विवाद को निपटा लिया है। सूत्रों का कहना है कि डोभाल और जंजुआ के बीच 26 मार्च को फोन पर बातचीत हुई। जिसके बाद दोनों देशों ने 1992 के कोड ऑफ कंडक्ट के जरिए राजनयिक विवाद सुलझाने पर सहमति जाहिर की।
 
भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया और उनके समकक्ष सोहेल महमूद ने दिल्ली और इस्लामाबाद के स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यह समझाया कि कोड ऑफ कंडक्ट के जरिए राजनयिकों और राजनयिक परिसर से संबंधित मुद्दों को सुलझाया। पिछले कुछ सालों से दोनों एनएसए के बीच होने वाले उच्च स्तरीय संपर्क का यह एक रूप है। आखिरी बार साल 2017 में डोभाल और जंजुआ के बीच बैंकॉक में बातचीत हुई थी। हालिया बातचीत में उन्होंने द्वीपक्षीय वार्ता की समग्र स्थिति पर बातचीत की और संपर्क में बने रहने के लिए सहमत हुए।

जहां डोभाल ने भारतीय रिहायशी कॉम्पलेक्स में 15 फरवरी को हुई रेड पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए इसे अस्वीकार व्यवहार बताया। वहीं जंजुआ ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब महिलाओं और बच्चों को प्रताड़ित किया गया है। भारत ने पाकिस्तान से आश्वासन मांगा कि वह उसके देश में चल रहे भारतीय कॉम्पलेक्स के काम को बंद नहीं करेगा। 

बता दें कि इस्लामाबाद में राजनयिकों के साथ बदसलूकी और पीछा करने के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने 16 मौखिक नोट भेजे थे। भारत सरकार का तर्क था कि जिस ढंग से इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों को डराया और धमकाया गया वह 1961 के विएना कनवेंशन के खिलाफ था। जिस तरह से दूतावास के कर्मचारियों का इस्लामाबाद के डिप्लोमेटिक इंक्लेव में पीछा किया गया उससे उनके लिए सुरक्षा का खतरा पैदा हो गया था।