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बाबा के आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में महिलाओं को नहाने के दौरान भी प्रिवेसी नहीं!

दिल्ली हाई कोर्ट ने नॉर्थ दिल्ली के एक आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में लड़कियों और महिलाओं को बंधक बनाकर रखने के मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए हैं। मंगलवार को हाई कोर्ट ने कहा था कि यह बहुत ही खतरनाक बात है। भगवान के उपदेश देने के नाम पर लड़कियों को बंधक बनाकर रखा जा रहा है। हाई कोर्ट ने जो जांच दल गठित किया था, उसने बुधवार को कोर्ट को बताया कि उनके साथ मारपीट की गई, करीब 100 से ज्यादा लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है। विश्वविद्यालय में नहाने के दौरान भी लड़कियों की कोई प्रिवेसी नहीं हैं। एक पीड़ित ने बताया कि यह आश्रम गुरमीत राम रहीम के आश्रम से भी ज्यादा खतरनाक है।

 
 इस आश्रम में काफी समय अनुयायी बनकर रह चुकी एक अन्य पीड़िता ने बताया कि बाबा अपने आपको ईश्वर बताता है और अपना तन-मन-धन, सब कुछ ईश्वर के नाम पर समर्पित करने की बात कहता है। आश्रम में आने वाली अनुयायियों का ब्रेन वॉश किया जाता है। पीड़ित के मुताबिक, उनकी 4 बेटियां इस आश्रम में अनुयायी रहीं। जिसमें एक नाबालिग है। बेटी ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसमें कहा गया है कि आरोपी बाबा ने उसके साथ रेप किया है। यहां सैकड़ों महिलाएं रहती हैं, कब कौन यहां आता जाता है। इस बारे में किसी को नहीं पता। रेड के बाद जब पुलिस बाहर आई तो आश्रम में कुछ बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि आश्रम में अंदर कुछ भी गलत नही होता है। 

कोर्ट ने आध्यात्मिक विश्वविद्यालय और उसके फाउंडर वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए। कोर्ट ने पाया कि आध्यात्मिक विश्वविदियालय की ‘सेक्स जेल’ में कई वर्षों से महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को जानवरों की तरह रखा गया है, कई के साथ बार-बार रेप किया जाता है। वीरेंद्र देव का आश्रम एक किले की तरह है। कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल की जांच में ये बातें सामने आने के बाद कोर्ट ने तुरंत सीबीआई डायरेक्टर को एक एसआईटी का गठन कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट को पुलिस के जांच दल ने बताया, ‘जांच के लिए जाने पर आश्रमवालों ने करीब एक घंटे तक उन्हें बंधक बनाकर रखा। उनके साथ मारपीट की। आश्रम में 100 से अधिक लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है। अधिकतर नाबालिग हैं।’ जांच दल ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में लड़कियों को लोहे की सलाखों के पीछे जानवरों की तरह रखा जा रहा है। पूरे इलाके के चारों तरफ तारों के जाल वाली ऊंची-ऊंची दीवारें हैं। नहाने के दौरान भी लड़कियों की कोई प्रिवेसी नहीं है। हाई कोर्ट ने आश्रम की बिल्डिंग और वहां काम करने वाले मेल स्टाफ की भी जांच करने के लिए कहा है।